PM मोदी को G7 में टारगेट करने की साजिश,  खालिस्तानियों ने मार्क कार्नी का किया धन्यवाद

punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 07:09 PM (IST)

International Desk: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। इस बार मामला सीधे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान से जुड़ा है। खालिस्तानी संगठन  ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने G7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने की धमकी दी है और कनाडा के प्रधानमंत्री  मार्क कार्नी को इस “मौके” के लिए धन्यवाद कहा है। SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू  ने एक वीडियो में कहा: “मार्क कार्नी ने हमें मोदी की राजनीति को घेरने का ऐतिहासिक मौका दिया है। हम G7 के मंच का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री मोदी को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जवाबदेह बनाएंगे।” वीडियो में भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए मोदी की कनाडा यात्रा को “अंत तक घेरने” की बात कही गई है।

 
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हाल ही में कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी  ने PM मोदी को 15–17 जून को अल्बर्टा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन  में आमंत्रित किया।  यह कदम भले ही भारत-कनाडा के रिश्तों को सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा गया हो, लेकिन खालिस्तान समर्थकों को यह नागवार गुज़रा।  SFJ ने साफ किया कि वे G7 सम्मेलन स्थल के बाहर प्रदर्शन करेंगे। पन्नू ने इस विरोध को "ऑपरेशन सिंदूर" के खिलाफ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने "मस्जिदों को निशाना बनाकर पाकिस्तान पर आतंकी हमला" किया । उसका यह बयान पाकिस्तान समर्थक रुख को दर्शाता है।  भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही कनाडा से PM मोदी और भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर चुका है।


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भारत ने कनाडा में हो रही खालिस्तानी रैलियों, भारतीय ध्वज के अपमान और हिंसक नारों को लेकर बार-बार आपत्ति जताई है, लेकिन  कनाडा की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। WSO और अन्य खालिस्तानी समूह G7 में मोदी के बुलावे को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी संगठन न सिर्फ भारत की अखंडता को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि अब वे खुलेआम प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की धमकी तक दे रहे हैं। इसके बावजूद कनाडा की सरकार इसे “फ्रीडम ऑफ स्पीच” के दायरे में रखकर अनदेखा कर रही है। G7 सम्मेलन से पहले इस तरह की बयानबाज़ी और उकसावे से भारत-कनाडा संबंधों में नया तनाव पैदा हो सकता है। भारत को चाहिए कि वह अपने नागरिकों और नेताओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को ज़ोरदार तरीके से उठाए।
 


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Content Writer

Tanuja

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