ये हैं वो 5 कारण, जिसके चलते डर गया पाकिस्तान... अब नहीं करेगा पलटवार
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 04:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय वायुसेना की इस सटीक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं हुई। खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में स्वीकार किया कि वे कोई सैन्य जवाब नहीं देंगे, बशर्ते भारत की ओर से कोई और कार्रवाई न हो। पाकिस्तान की यह चुप्पी और अचानक बदला रुख कई सवाल खड़े करता है। यहां हम बताते हैं वे 5 अहम कारण, जो पाकिस्तान के इस ‘ठंडे रवैये’ की असल वजह बनकर सामने आए हैं।
1. भारत की ताकत के सामने पस्त पाकिस्तान
पाकिस्तान चाहे जितने दावे करे, लेकिन हकीकत ये है कि वह भारत की सैन्य ताकत के आगे कहीं नहीं टिकता। स्वीडन के रक्षा शोध संस्थान SIPRI की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत का सैन्य खर्च 86.1 अरब डॉलर रहा, जो पाकिस्तान के 10.2 अरब डॉलर के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच अब तक हुए सभी युद्धों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, जबकि पाकिस्तान इस सूची में काफी पीछे है।
2. आर्थिक संकट में डूबा पाकिस्तान
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। World Economics के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान की GDP महज़ 350 अरब डॉलर है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था करीब 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू रही है। इसके अलावा पाकिस्तान पर कुल बाहरी कर्ज उसकी GDP का 42% है। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, और आम नागरिक बुनियादी जरूरतें पूरी करने में भी असमर्थ हैं।
3. IMF और World Bank की मदद पर खतरा
पाकिस्तान को डर सता रहा है कि अगर वह युद्ध जैसी कार्रवाई करता है, तो IMF और World Bank जैसी वैश्विक संस्थाएं उसे दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक सकती हैं। 9 मई को IMF की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की सहायता मिलने पर फैसला होना है। ऐसे समय में सैन्य टकराव की दिशा में बढ़ना पाकिस्तान के लिए आर्थिक आत्मघात जैसा साबित हो सकता है।
4. शेयर बाजार में हाहाकार
भारतीय एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का शेयर बाजार तेजी से नीचे लुढ़का। 22 अप्रैल से लेकर अब तक KSE-100 इंडेक्स 11,000 अंक तक गिर चुका है। एयर स्ट्राइक वाले दिन के बाद तो बाजार खुलते ही 6,000 अंकों की भारी गिरावट दर्ज हुई और इंडेक्स 1,13,568 से फिसलकर 1,07,296 तक पहुंच गया। यह देश की डगमगाती अर्थव्यवस्था और निवेशकों के टूटते भरोसे का साफ संकेत है।
5. मित्र देश भी खामोश, चीन ने दिखाई दूरी
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने अपने पारंपरिक मित्र देशों और IMF से मदद की गुहार लगाई। पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने खुद माना कि उन्होंने चीन से 30 अरब युआन की स्वैप लाइन को 40 अरब युआन तक बढ़ाने की अपील की है। लेकिन अब तक चीन की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। यह पाकिस्तान के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका माना जा रहा है।