''पूरा देश रेगिस्तान में बदल जाएगा...'', सिंधु जल संधि सस्पेंड होने से पाकिस्तान में मचा हड़कंप, क्या होगा अब?

punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 04:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने का ऐलान किया है, जिससे पाकिस्तान में हलचल मच गई है। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को निर्धारित किया था, लेकिन अब भारत ने इसे तब तक के लिए स्थगित कर दिया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय कदम नहीं उठाता। इस कदम से पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं।

सिंधु जल संधि: एक ऐतिहासिक समझौता

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसके तहत भारत को सिंधु नदी की तीन सहायक नदियों का पानी और पाकिस्तान को बाकी तीन नदियों का पानी मिला था। यह समझौता दोनों देशों के लिए पानी के बंटवारे का एक अहम साधन था, जिससे पाकिस्तान की कृषि और जीवनधारा को संजीवनी मिली थी। लेकिन अब भारत ने इस समझौते को सस्पेंड कर दिया है, जिसके कारण पाकिस्तान के किसान और आम नागरिकों में चिंता बढ़ गई है।

क्या कह रहे हैं पाकिस्तानी किसान?

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के किसान इस फैसले को लेकर चिंतित हैं। नदीम शाह, जो सिंध में 150 एकड़ में खेती करते हैं, का कहना है कि यदि भारत ने पानी का प्रवाह रोक दिया, तो पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा। उनके जैसे कई किसान अब पीने के पानी की चिंता भी कर रहे हैं। होमला ठाकुर, एक पाकिस्तानी किसान, ने कहा, "अगर भारत पानी रोक देगा, तो पूरा देश रेगिस्तान में बदल जाएगा।" उनका कहना है कि हाल ही में बारिश भी कम हुई है, जिससे खेती करना और भी मुश्किल हो गया है।

पाकिस्तान के लिए खतरा: भूखमरी और जल संकट

पाकिस्तान के 24 करोड़ नागरिकों की कृषि, बिजली उत्पादन और पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए सिंधु नदी पर निर्भर करते हैं। अगर इस नदी का पानी रुकता है, तो न केवल खेती प्रभावित होगी, बल्कि देश के जल संकट में भी वृद्धि होगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जल संकट से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

भारत का ऐलान: सिंधु जल संधि पर संशय

भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक यह समझौता निलंबित रहेगा। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने यह कड़ा कदम उठाया है, जहां पाकिस्तान के आतंकवादियों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है। भारत ने स्पष्ट किया कि यह कदम पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन देने के कारण उठाया गया है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: जल संकट से लेकर युद्ध की चिंता

पाकिस्तान के नेताओं और विशेषज्ञों ने इस फैसले को बेहद खतरनाक माना है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही कई युद्ध हो चुके हैं, लेकिन इस संधि को सस्पेंड करना एक नई संघर्ष की दिशा में कदम हो सकता है।

भारत के जल प्रबंधन की तैयारी

भारत ने यह भी कहा है कि अब वह सिंधु नदी से संबंधित परियोजनाओं पर काम कर सकता है, जिससे पाकिस्तान को सूचित करने की आवश्यकता नहीं होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब नहरों के जरिए पानी की दिशा बदल सकता है और हाइड्रो पावर डेम्स बना सकता है, जिससे वह भविष्य में पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकेगा। इस प्रक्रिया में कुछ साल लग सकते हैं, लेकिन यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा संकट हो सकता है।

पाकिस्तान में बढ़ती चिंता: फसलें और बिजली उत्पादन संकट में

पाकिस्तान में सिंधु नदी से निकलने वाले पानी से लाखों एकड़ भूमि की सिंचाई होती है, और इसी पानी से देश की बिजली उत्पादन भी होती है। जल संकट के बढ़ने से इन दोनों क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ेगा। कृषि संकट के कारण पाकिस्तान में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते: क्या हम युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही बना हुआ था, और अब सिंधु जल संधि का सस्पेंड होना दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ा सकता है। पाकिस्तान का कहना है कि सिंधु जल संधि को तोड़ना एक नया संघर्ष शुरू कर सकता है। 
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान के पास अब एक मौका है कि वह अपने जल क्षेत्र की अक्षमताओं को दूर कर सके। भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह को रोकने का ऐलान किया है, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है। पाकिस्तान को अपनी जल नीति और बुनियादी ढांचे को सुधारने की जरूरत है।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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