वक्फ कानून के खिलाफ देश में बवाल, ‘घर की बत्तियाँ बुझाओ, वक्फ को बचाओ’, AIMPLB की देशव्यापी अपील

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 07:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क। वक्फ संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने और कानून बनने के बाद देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ विरोध की लहर देखने को मिल रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और अन्य संगठनों ने इस कानून को लेकर अपनी नाराजगी जताई है और जनता से शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की है।

AIMPLB की अपील – 'घर की बत्तियाँ बुझाकर जताएं विरोध'

AIMPLB के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने ऐलान किया है कि 11 अप्रैल से 7 जुलाई 2025 तक 'वक्फ बचाओ अभियान' चलाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। इसके खिलाफ 30 अप्रैल को रात 9 बजे मुसलमानों से आधे घंटे के लिए अपने घरों और फैक्ट्रियों की लाइट बंद कर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराने की अपील की गई है।

कोलकाता में छात्रों का मार्च

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस से लेकर सर्कस क्रॉसिंग तक वक्फ कानून में संशोधन के विरोध में रैली निकाली। छात्रों का कहना है कि नया कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाता है जिससे उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

 

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लखनऊ में शिया समुदाय का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय ने इमामबाड़ा क्षेत्र में जुमे की नमाज़ के बाद विरोध प्रदर्शन किया। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की।

मुंबई में AIMIM कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, पुलिस ने लिया हिरासत में

मुंबई में AIMIM नेता वारिस पठान और उनके समर्थकों ने जुमे की नमाज़ के बाद वक्फ कानून के खिलाफ बायकुला इलाके में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर मुंबई पुलिस ने वारिस पठान समेत 50 से 60 लोगों को हिरासत में ले लिया।

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़

वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने AIMPLB पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संगठन कांग्रेस का टूलकिट बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी मुसलमानों के घरों में ‘रोशनी’ लाएंगे जबकि AIMPLB ‘बत्ती बुझाने’ की बात कर रहा है।

वहीं समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने AIMPLB के विरोध प्रदर्शन को जायज़ ठहराते हुए कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है और यदि यह संवैधानिक तरीके से हो रहा है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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