गुजरात की ढोलेरा होगी दुनिया की पहली ग्रीन सिटी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 12:37 PM (IST)

नेशनल डैस्कः विश्व आज वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। हर देश अपने स्तर पर इस समस्या को काबू करने में जुटा है। भारत भी उन देशों में शामिल है जहां आर्थिक विकास दर बढ़ाने के साथ-साथ वायु प्रदूषण को काबू में रखना एक चुनौती है। इस समस्या से पार पाने के लिए गुजरात सरकार की ढोलेरा ग्रीन सिटी विकसित करनी की योजना है जिस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दावा किया है कि यह दुनिया की पहली ग्रीन सिटी होगी।
क्या खास होगा ग्रीन सिटी में
- ढोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र सिंगापुर से भी बड़ा होगा। यह 920 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। इसमें ढोलेरा तालुका के 22 गांव भी शामिल होंगे।
- इसके पहले चरण में 22.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा जिस पर करीब 4400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें 52 फीसद इलाका औद्योगिक होगा वहीं 28 फीसद आवासीय होगा।
- ढोलेरा सिटी में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन नहीं चलेंगे। केवल इलैक्ट्रिक वाहन चलाने की ही अनुमति होगी। लेकिन ढोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र में भारत स्टेज-6 (बीएस6) वाहन स्तर के वाहन चलाने की अनुमति हो सकती है।
- बुनियादी ढांचा इस तरह विकसित किया जाएगा कि हर एक किलोमीटर पर इलैक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
- ढोलेरा सिटी में केवल इलैक्ट्रिक वाहनों का ही पंजीकरण होगा। इलैक्ट्रिक वाहनों से पंजीकरण फीस नहीं ली जाएगी। साथ ही रोड़ टैक्स भी नहीं लिया जाएगा। इन्हें ग्रीन नंबर प्लेट दी जाएंगी।
- बड़ी संख्या में फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे व घरों में स्लो चार्जिंग स्टेशन लगे होंगे।
- इस स्मार्ट सिटी में स्मार्ट अस्पताल, स्मार्ट रोड़, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट होगा जो पूरी तरह से वायरलैस नेटवर्क से जुड़ा होगा।
- यह सिटी पूरी तरह से ट्रंक इनफ्रास्ट्रकचर पर आधारित होगी यानी सीवेज, गैस और ड्रैन लाइन जमीन के नीचे से जाएंगी। इसे इस तरह से विकसित किया जाएगा कि यह शहर पानी भराव की समस्या से मुक्त रहे।
- अगर कहीं कोई पाइप में लीकेज होती है तो तुरंत संबंधित अथॉरिटी को पता चल जाएगा और वह खुद आकर इसे ठीक कर देंगे।
- यहां शहर की सभी इमारते और घर एक कम्यूनिकेशन सेंटर से जुड़े होंगे। कहीं भी कुछ आपदा आएगी तो इस कम्यूनिकेशन सेंटर को तभी पता चल जाएगा और वे मदद के लिए तुरंत टीम भेज देंगे। जैसेः घरों, इमारतों और फैक्टरी में आग लगने पर इस सेंटर को वहां सेंसर लगे होने के चलते तुरंत पता चल जाएगा और वे मदद करेंगे। ट्रैफिक नियम के उल्लंघन करने पर भी उस कम्यूनिकेशन सेंटर को तुरंत जानकारी हो जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, गुजरात सरकार ने ढोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (एसआइआर) में औद्योगिक ईकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए जमीनें देना शुरू कर दिया है। जमीनों की असली मूल्य के मुकाबले उन्हें आधी कीमत में दी जा रही हैं। यह सिटी गुजरात के अहमदाबाद शहर से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह उन स्मार्ट सिटीज में से एक है जो दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआइसी) पर बसाई जाने की योजना है। ढोलेरा को छह लेन के एक्सप्रेसवे द्वारा शहर से जोड़ा जाएगा जिसके केंद्र में मेट्रो चल रही होगी। साथ ही एक ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी एसआइआर के नजदीक विकसित किया जा रहा है। इससे सरदार वल्लभ पटेल भाई अंतरराष्ट्रीय अड्डे पर यात्रियों के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
मोदी ने गठित किया था जीआइसीसी
ढोलेरा परियोजना में तेजी और देखरेख के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने गुजरात इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर कॉपोर्रेशन (जीआइसीसी) का गठन किया था। हालांकि ढोलेरा इंडस्ट्रीयल सिटी डेवलप लिमिटेड (डीआइडीसीलएल) के गठन के बाद जीआइसीसी को समाप्त कर दिया गया।
गुजरात ने 2009 में एसआइआर एक्ट (विशेष निवेश क्षेत्र कानून) पास करने के बाद सात एसआइआर लांच किए थे। लेकिन एसआइआर के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके चलते ही ढोलेरा परियोजना करीब एक दशक से अटकी हुई थी। पर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से परियोजना में तेजी आई है। उन्होंने ढोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3000 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूर कर दिया है।