तनाव के दौर से गुजर रही दुनिया, इसलिए संयुक्त राष्ट्र PM मोदी को मजबूत नेता के रुप में देख रहा : जयशंकर

punjabkesari.in Tuesday, May 28, 2024 - 09:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि दुनिया अभी तनाव के दौर से गुजर रही है तथा विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्षों के जल्द खत्म होने के आसार नहीं है और इन हालात में भारत को स्थिर सरकार व एक मजबूत एवं शक्तिशाली नेता की जरूरत है जिसे ‘‘विश्व के हर बड़े नेता तक पहुंच, प्रतिष्ठा व सम्मान'' प्राप्त हो। जयंशकर ने यहां कुछ चुनिंदा मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-गाजा-ईरान में संघर्ष जारी हैं तथा भारतीय सीमाओं पर भी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि भारत में एक मजबूत नेतृत्व है।

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भारत को एक मजबूत और शक्तिशाली नेता की जरूरत
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया तनाव के दौर से गुजर रही है और पहले से जारी संघर्ष इतनी जल्दी खत्म नहीं होंगे तथा इसलिए भारत को एक स्थिर सरकार, एक मजबूत और शक्तिशाली नेता की जरूरत है जिसकी दुनिया के हर बड़े नेता तक पहुंच हो और उसकी एक प्रतिष्ठा व सम्मान हो।'' जयशंकर ने पूछा, ‘‘अगर रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान आपका परिवार यूक्रेन में होता तो आप देश के शीर्ष पर किसे देखना चाहते- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या किसी अन्य को।'' उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आने वाले चार-पांच साल मुश्किल होंगे और मतदाताओं को समझदारी से मतदान करना चाहिए क्योंकि हमारी सीमाओं पर भी ऐसे ही संघर्ष हो सकते हैं।''

बजट 3,000 से बढ़ाकर 15,000 करोड़ किया गया
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन सीमा की उस भूमि पर सड़कें, पुल और गांव बना रहा है जिसे 1962 में उसने छीन लिया था तथा उसने पाकिस्तान के साथ मिलकर सियाचिन तक एक सड़क बना ली थी। उन्होंने कहा कि भारत ने भी सीमा पर सैनिकों को तैनात किया है, साजो-सामान में सुधार किया है और भारत-चीन सीमा के लिए बजट 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए ‘वाइब्रेंट गांव' कार्यक्रम के पीछे का विचार बुनियादी ढांचे, पानी, डिजिटल कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर सीमाओं से लोगों के पलायन को रोकना और आजीविका प्रदान करना है।

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मोदी सरकार के 10 साल बदलाव का प्रतीक
उन्होंने कहा, "हम एक प्रतिस्पर्धी दुनिया में रह रहे हैं और चीन खुद को आगे बढ़ा रहा है तथा भारत ने भी देश को आत्मनिर्भर बनाने, समग्र विकास के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विनिर्माण (भारत में निर्मित) पर ध्यान केंद्रित किया है।" विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आतंकवादियों को इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दस साल सकारात्मक बदलाव का प्रतीक हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने स्थायी सीट चीन को दिया
जयशंकर ने कहा, "मोदी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र में हमारा समर्थन आधार बढ़ रहा है। मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में देखा जा रहा है और आज विभिन्न राष्ट्र भारत की ओर देखते हैं।" संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता के मुद्दे का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि 1944 में भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं था और उसे सदस्यता नहीं मिल सकी। उन्होंने दावा किया कि हालांकि जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब भारत को स्थायी सीट की पेशकश की गई थी, लेकिन नेहरू ने कहा कि चीन को स्थायी सदस्य होना चाहिए।

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राजनीतिक प्रचार अभियान में संवेदनशील मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान चीन ने अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की थी, लेकिन तत्कालीन विपक्ष ने कभी सार्वजनिक रूप से सरकार को शर्मिंदा करने वाली कोई बात नहीं कही। 

 

 


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Content Editor

Utsav Singh

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