प्रधानमंत्री ने हार की खीझ निकालने के लिए गांधी, शिवाजी और आंबेडकर की प्रतिमाएं हटवाई : कांग्रेस

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 08:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से इसलिए हटाया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव में हार की खीझ निकाली है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सदनों के निकट संवैधानिक तरीके से कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो। रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘कल अपराह्न 2:30 बजे मैंने इस बात को उजागर किया था कि कैसे मोदी सरकार शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं को संसद भवन के सामने स्थित विशिष्ट स्थानों से दूसरी जगह स्थानांतरित कर रही है।''

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिमाओं को हटाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद, घबराहट में कल देर रात 8 बजे के बाद लोकसभा सचिवालय को इस बदलाव के लिए पूरी तरह से फर्जी और स्पष्ट रूप से मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।" रमेश ने दावा किया कि प्रतिमाओं के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस नेता ने कहा, "बदलाव का असली कारण अब बताया जा सकता है। दरअसल इन्हीं प्रतिमाओं के समक्ष पिछले 10 वर्षों से विपक्षी दल मोदी सरकार के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करते आ रहे थे। इनमें तेदेपा और जदयू भी शामिल होते थे।"

उन्होंने आरोप लगाया, "प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से संसद के सदनों के बगल में कोई जगह नहीं चाहते हैं जहां उनके और उनकी सरकार के खिलाफ संवैधानिक तरीके से भी विरोध प्रदर्शन हो सके। ऐसे ‘स्टंट' अब उन्हें और उनकी अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते।" कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद परिसर से महात्मा गांधी जी, छत्रपति शिवाजी महाराज जी और बाबासाहेब आंबेडकर जी की मूर्ति हटा दीं गईं। ये सब खीझ निकालने के लिए किया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गांधी फिल्म आने से पहले उन्हें कोई नहीं जानता था, लेकिन जनता ने जवाब दिया तो गांधी जी की प्रतिमा हटा दी। हमने चुनाव में संविधान को बचाने की मुहिम छेड़ी तो खीझ निकालने के लिए आंबेडकर जी की मूर्ति कहीं पीछे धकेल दिया। फिर जब महाराष्ट्र की जनता ने चुनावों में करारा जवाब दिया तो बदला लेने के लिए शिवाजी महाराज जी की मूर्ति हटा दी।''

उल्लेखनीय है कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से हटाकर दूसरी जगह स्थापित किया गया है। आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप की मूर्तियां भी पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच लॉन में लगाई गई हैं। अब सभी मूर्तियां एक ही जगह पर हैं। लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, "संसद भवन परिसर लोकसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है तथा परिसर के अंदर पूर्व में भी माननीय लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से प्रतिमाओं का स्थानांतरण किया गया है।" बयान में कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट है कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्‍हें संसद भवन परिसर के अंदर ही व्‍यवस्थित एवं सम्मानजनक रूप से स्थापित किया जा रहा है।''


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News Editor

Parveen Kumar

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