चुन-चुनकर पुरुषों को किया अलग, फिर की गोलियों की बौछार, पहलगाम की विधवा की रूह कंपा देने वाली दास्ताँ
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 04:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 26 मासूमों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब लोग अपने परिवारों के साथ छुट्टियां मनाने आए थे। सुकून और शांति की तलाश में आए इन सैलानियों पर आतंकियों ने मजहब के आधार पर गोलियां चलाईं।
थाणे के परिवार पर टूटा कहर-
इस हमले में महाराष्ट्र के थाणे से आए एक परिवार के कई सदस्यों की भी निर्मम हत्या कर दी गई। पीड़ित परिवार की सदस्य राजश्री अकुल ने मीडिया से बात करते हुए अपना दर्द साझा किया। उन्होंने बताया कि, “शाम को बात हुई थी, कहा गया था सब ठीक है। लेकिन रात आठ बजे जब मरने वालों की सूची आई और फोटो सामने आए, तो हमारे होश उड़ गए।” राजश्री ने बताया कि तीन परिवारों के पुरुषों को गोली मार दी गई, लेकिन उनकी पत्नियों और बच्चों को छोड़ दिया गया। उनके अनुसार, यह हमला एक सोची-समझी साजिश थी जिसमें टारगेट किलिंग का पैटर्न साफ दिखाई देता है।
घाटी में गुस्सा, सड़कों पर उतरे लोग-
हमले के बाद कश्मीर घाटी में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। श्रीनगर में नागरिकों ने जुलूस निकाला और "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे लगाए। लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस हमले में शामिल आतंकियों को चुन-चुन कर मार गिराया जाए। उनका कहना है कि आतंकियों को पनाह देने वालों को भी सबक सिखाना चाहिए।
पाकिस्तान को जवाब देने की मांग
देश भर के नागरिकों तक का कहना है कि भारत सरकार को इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि देश की एकता, शांति और पर्यटन को निशाना बनाने की कोशिश थी।