मौजूदा स्थिति रहने पर गलवान में और खराब होगा माहौलः विदेश मंत्रालय

punjabkesari.in Thursday, Jun 25, 2020 - 10:12 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत ने गुरुवार को इस आरोप से पूरी तरह इनकार किया कि इसने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बदलने का कोई प्रयास किया है। भारत ने कहा कि चीन मई के शुरू से ही एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक जमावड़ा कर रहा था, जिसके कारण भारत को भी सैनिक तैनात करने पड़े हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के उस दावे का खंडन किया है कि भारत ने दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर यथास्थिति बदलने का प्रयास किया।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का दावा बिलकुल बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर चीन की मौजूदा स्थिति सभी समझौतों का उल्लंघन है। गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बार-बार यह दावा किया है कि एलएसी पर यथास्थिति में बदलाव भारत ने किया है और उसकी सेना ने जून 15 और 16 की दरम्यानी रात को दो बार एलएसी पार किया था और चीनी सैनिकों को उकसावे वाले हमले किये थे।
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श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने इस मामले में अपना रुख पहले भी स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने कहा कि एलएसी पर मौजूदा स्थिति जारी रहने से आगे भी माहौल खराब होगा। प्रवक्ता ने कहा कि चीन मई के शुरू से ही पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक जमावड़ा कर रहा था और भारत को भी इस वजह से सैनिकों की तैनाती करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर चीनी सैनिकों का व्यवहार मौजूदा समझौतों के उल्लंघन का परिचायक है। 
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1 किमी पीछे हटी चीनी सेना
वहीं, खबर आ रही है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव कम होना शुरू हो गया है। शीर्ष सूत्रों के मुताबिक चीन की सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गए हैं। गलवान घाटी के पास चीन के सैनिकों की संख्या में कमी देखी गई है।
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गलवान घाटी में झड़प के बाद यह पहली बार है, जब चीन की सेना पीछे हटी है। भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद गलवान घाटी के पास चीनी सेना और वाहनों की कमी देखने को मिली है। इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर पर कई मीटिंग हुई थीं। इस दौरान दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने को राजी हुई थे। गौरतलब है कि 15 जून की की रात को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे।


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Yaspal

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