रार से कनाडा में बढ़ रही दरार, भारतीयों के कार्यक्रमों से किनारा कर रहे कई नेता
punjabkesari.in Wednesday, Oct 04, 2023 - 03:50 PM (IST)

नैशनल डैस्क: खालिस्तान मुद्दे पर भारत और कनाडा मे रार बढ़ रही है। संबंध अभी सुधरते नहीं दिख रहे हैं। तनाव का असर इंडो कैनेडियन के तमाम समागम पर भी होने लगा है। खालिस्तानी पक्षधर सांसद व सरकारी ओहदे पर बैठे तमाम लोग भारतीय कार्यक्रमों से किनारा करने लगे हैं।
हाल ही में ओंटारियो में इंडो- कैनेडियन कार्यक्रम हुआ, जो पिछले कई सालों से हर साल होता था और तमाम भारतीय राजनयिक व कनाडा के सरकारी ओहदे पर बैठे अधिकारी पहुंचते थे। हालांकि इस बार कार्यक्रम में भारतीय राजनयिक तो शरीक हुए लेकिन ओंटारियो प्रीमियर डग फोर्ड जैसे कई नामवर चेहरे नदारद रहे। वहीं कार्यक्रम में खालिस्तानी विरोधी सांसद चंद्र आर्य शरीक हुए। खालिस्तान चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने कह डाला कि चरमपंथी तत्वों द्वारा जारी धमकियों के बाद हिंदू कनाडाई भयभीत हैं। आर्य पीएम जस्टिन त्रुदो की पार्टी से हैं, ने बार-बार हिंदू कनाडाई लोगों के लिए खतरों का मुद्दा उठाया और समुदाय से शांत व सतर्क रहने का आग्रह किया है।
हिंदू कनाडाई भयभीत : चंद्रा आर्य
चंद्रा आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री (त्रुदो) के बयान के बाद जो हुआ उसके परिणाम को लेकर मैं ज्यादा चिंतित हूं। यहां हिंदू कनाडाई भयभीत हैं। खालिस्तानी आंदोलन के इतिहास में खालिस्तानी आतंकवादियों ने हजारों हिंदुओं और सिखों को मार डाला है। कनाडाई भूल जाते हैं कि इतिहास में सबसे बड़ी सामुहिक हत्या 38 साल पहले हुई थी, एयर इंडिया बमबारी में। वह 9/11 से पहले का सबसे बड़ा विमानन आतंकवाद था। कनाडा में लिबरल पार्टी में दो बार सांसद रह चुके एडवोकेट रमेश संघा का कहना है कि कनाडा में खालिस्तान को स्थान देने से कनाडा की छवि पर असर पड़ा है। यहां सारे सिख या भारतीय या पंजाबी खालिस्तानी पक्षधर नहीं है लेकिन कुछ लोगों के कारण कनाडा का माहौल खराब किया गया है। इसका सीधा असर पंजाब व पंजाबी लोगों पर हुआ है। भारत सरकार ने इसी कारण कनाडा सिटीजन का वीजा प्रतिबंध कर दिया है।
तनाव से पंजाब के व्यापार पर असर
भारत से कनाडा आभूषण, बेशकीमती पत्थर, फार्मा प्रोडक्ट, रेडिमेड गारमेंट अमिनिक केमिकल्स, लाइट इंजीनियरिंग सामान और आयरन एंड स्टील प्रोडक्ट, स्पोट्र्स गुड, लेदर गुड्स के अलावा चावल, मक्की का आटा, सागव गुड़ और अन्य सामान मुख्य रूप से खरीदता है। दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग बराबर है। हालांकि, दलहन को लेकर कनाडा के लिए भारत बड़ा बाजार है। पंजाब के 8 लाख लोग कनाडा में बसे हुए हैं और पंजाब से उनके लिए खाद्य पदार्थ जाते हैं। इनमें चावल, मक्की का आटा, गुड़ व उसके बने पदार्थ प्रमुख हैं। कुकर में खाद्य पदार्थ की सप्लाई करने वाले प्रिंस सन्नय का कहना है कि इस तनाव का काफी बुरा असर हुआ है। पंजाब व भारत से व्यापारी काफी चौकन्ने होकर माल भेज रहे हैं। हमारी दिक्कत यह है कि हमा पास मांग व आर्डर तो हैं लेकिन माल की शान है। वहीं कनाडा में आर्टिफिश्पल ज्वैलरी सप्लाई करने वाले मुकेश मल्होगा का कहना है कि हमने अपने कदम रोके हैं। वहीं स्पोर्ट्स गुड्स के सप्लायर अमित का कहना है कि कनाडा में वह काफी सामान सप्लाई करते थे लेकिन अब निवेश करने से कतरा रहे हैं।