नोटबंदी की दिक्कतें कम नहीं हो रही

punjabkesari.in Saturday, Jan 14, 2017 - 11:23 PM (IST)

जालन्धर(धवन): पत्नी की मौत के बाद नरेश कुमार गर्ग को पता चला कि उनकी पत्नी लगभग 19,000 रुपए की पुरानी करंसी रख कर गई थी परन्तु रिजर्व बैंक 30 दिसम्बर की तारीख निकल जाने के बाद उसे लेने से अब इंकार कर रहा है। 


भटिंडा वासी नरेश कुमार जोकि पंजाब के सिंचाई विभाग के सुपरिटैंडैंट पद से रिटायर हुए हैं, ने कहा कि नोटबंदी के कारण लोगों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा गर्ग की मृत्यु हो चुकी है। उनके 2 बेटे हैं जिनमें से एक श्रीनगर में आर्मी में तैनात है जबकि छोटा बेटा चंडीगढ़ में प्रोफैसर पद पर काम करता है।


उन्होंने कहा कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर उनके  बच्चे घर आए हुए थे तथा उन्होंने अपनी मां का सामान देखा तो उसमें से 19,000 रुपए की पुरानी करंसी निकली। पुरानी करंसी को लेकर वह चंडीगढ़ स्थित भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में गए तो अधिकारियों ने बताया कि यह राशि चंडीगढ़ कार्यालय में जमा नहीं हो सकती। आर.बी.आई. ने अपने कार्यालय के बाहर एक नोटिस लगाया हुआ था जिस पर लिखा था कि अप्रवासी ही पुरानी करंसी जमा करवा सकते हैं। 


उन्होंने कहा कि वह आर.बी.आई.  के रिजनल मैनेजर से भी मिले जिन्होंने कहा कि अप्रवासियों को रिजर्व बैंक ने अपने दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, नागपुर व कुछ अन्य कार्यालयों में पुरानी करंसी जमा करवाने की छूट दी हुई है परन्तु इसमें चंडीगढ़ कार्यालय शामिल नहीं है। 

 

उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र सरकार ने कहा था कि भारतीय लोग 31 मार्च तक पुरानी करंसी जमा करवा सकते हैं परन्तु उसे रिजर्व बैंक लेने के लिए तैयार नहीं है। सरकार के फैसले की धज्जियां अधिकारियों द्वारा उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पुरानी करंसी में 500 व 1000 रुपए के नोट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रसरकार ने तो पुराने नोट चाहे बंद कर दिए है परन्तु रिजर्व बैंक को उसे स्वीकार तो करना चाहिए। हमारा केस न तो काले धन से जुड़ा है और न ही गलत है।


हमारे पास पुरानी करंसी का स्पष्ट प्रमाण है कि मेरी पत्नी की मृत्यु के बाद करंसी घर के किसी एक बक्से में पड़ी हुई थी जिसकी मुझे जानकारी नहीं थी अगर अब वह मिल गई है तो उसे रिजर्व बैंक को स्वीकार कर लेना चाहिए।पने फोटो के साथ अपना नाम,पता और मोबाइल नंबर जरुर लिखें।  


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