Sanitary Pad Ban: इस देश की महिलाएं पीरियड्स में नहीं लगाती सेनेटरी पैड, जानें मासिक धर्म में कैसे करतीं हैं Manage?

punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 01:10 PM (IST)

Sanitary Pad Ban: दुनिया के नक्शे पर सबसे रहस्यमय और कठोर शासन वाला देश उत्तर कोरिया (North Korea) अपने अजीबोगरीब और अमानवीय कानूनों के लिए जाना जाता है। यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के शासन में जहां लोगों के पहनने, बोलने और हंसने तक के नियम सरकार तय करती है वहीं महिलाओं के जीवन के एक सबसे बुनियादी और प्राकृतिक पहलू को भी नियमों की जंजीरों में जकड़ दिया गया है। उत्तर कोरिया में एक ऐसा कानून लागू है जो किसी भी आधुनिक देश में सोचा भी नहीं जा सकता। यहां सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkins), टैम्पून्स और पीरियड पैंटी जैसे मासिक धर्म स्वच्छता उत्पाद (Menstrual Hygiene Products) पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

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लग्जरी आइटम मानकर किया आयात बंद

उत्तर कोरिया के बाजारों और दुकानों पर आपको घरेलू सामान से लेकर खाने-पीने की चीजें तक मिल जाएंगी लेकिन सैनिटरी पैड्स का एक भी पैक नहीं मिलेगा। इन उत्पादों का इस्तेमाल करना देश में पूरी तरह से गैरकानूनी माना जाता है। माना जाता है कि उत्तर कोरियाई सरकार सैनिटरी आइटम्स को 'विदेशी लग्जरी' (Foreign Luxury) मानती है। इसी कारण इनके आयात (Import) और बिक्री (Sale) दोनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

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मजबूरी में अपनाया दशकों पुराना तरीका

सरकार की इन सख्त नीतियों के बीच उत्तर कोरियाई महिलाओं ने अपनी बुनियादी ज़रूरत को पूरा करने के लिए दशकों पुराने तरीकों को फिर से अपनाने पर मजबूर हो गई हैं। यहां की महिलाएं कपड़े के पैड बनाती हैं जिन्हें धोकर और सुखाकर बार-बार इस्तेमाल किया जाता है। 

 

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कई महिलाएं सूती कपड़े की कई परतें सिलकर घर में ही दोबारा इस्तेमाल करने योग्य कपड़ा तैयार करती हैं। इन कपड़ों को धोना और सुखाना भी एक चुनौती है क्योंकि घरों के बाहर ऐसे कपड़े खुले में टांगना भी सामाजिक तौर पर गलत और अपमानजनक माना जाता है जिससे महिलाओं को अपनी निजी ज़रूरतें भी छुपानी पड़ती हैं।

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कोई सरकारी सहायता नहीं

उत्तर कोरिया में, मासिक धर्म या पीरियड्स की देखभाल को एक निजी ड्यूटी (Private Duty) माना जाता है। महिलाओं को न तो कोई सरकारी सहायता मिलती है, न ही कोई हेल्थ प्रोडक्ट और न ही मासिक धर्म को लेकर किसी तरह की जागरूकता फैलाई जाती है। यह कठोर व्यवस्था महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life) पर सीधा और गहरा असर डालती है।

यह कानून दुनिया को दिखाता है कि उत्तर कोरिया में सामान्य जीवन भी किस तरह नियमों और पाबंदियों की जंजीरों में बंधा हुआ है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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