ट्रंप के ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ को लेकर विदेश मंत्रालय का आया पहला बयान, कह दी ये बड़ी बात
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 07:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100% तक टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारत ने इस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस पूरे मामले पर नज़र रख रहा है और इसकी बारीकी से निगरानी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नई टैरिफ पॉलिसी से जुड़े नोटिस सामने आने के बाद भारत ने फार्मा और अन्य उत्पादों से जुड़ी रिपोर्ट का अध्ययन किया है। संबंधित मंत्रालय और विभाग लगातार इस पर नजर रख रहे हैं और इसके संभावित प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं।
जेनेरिक दवाओं का बड़ा आपूर्तिकर्ता है भारत
भारत अमेरिका को सबसे ज्यादा जेनेरिक दवाएं सप्लाई करता है। अमेरिका में खपत होने वाली एक-तिहाई से अधिक दवाएं भारत से निर्यात होती हैं। ये दवाएं पेटेंट के दायरे में नहीं आतीं और ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 100% टैरिफ सिर्फ ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर केंद्रित है, लेकिन इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि जेनेरिक दवाओं पर इसका अप्रत्यक्ष असर हो सकता है। इससे भारत की फार्मा इंडस्ट्री पर भी दबाव पड़ सकता है।
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सोशल मीडिया पर ट्रंप का ऐलान
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि 1 अक्टूबर 2025 से अमेरिका किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट पर 100% टैरिफ लगाएगा। हालांकि, जिन कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट अमेरिका में होगा, उन्हें इस टैरिफ से छूट मिलेगी।
अन्य आयातों पर भी बढ़ा टैरिफ
ट्रंप ने सिर्फ दवाओं पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य उत्पादों पर भी टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है।
- किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटीज़ पर 50% टैरिफ
- कुर्सियों और सोफों जैसे फर्नीचर पर 30% टैरिफ
- भारी ट्रकों पर 25% टैरिफ
हालांकि ट्रंप ने इन टैरिफों की कानूनी वजह साफ नहीं बताई, लेकिन उनका कहना है कि ये फैसले 'राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों' से लिए गए हैं।
भारत की चिंता
भारत फिलहाल स्थिति पर निगरानी रख रहा है। विदेश मंत्रालय और संबंधित विभाग संभावित आर्थिक असर का अध्ययन कर रहे हैं। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि अमेरिका उसकी जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा बाज़ार है। ऐसे में टैरिफ के असर का आकलन आने वाले दिनों में और स्पष्ट होगा।
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