पांच साल से बिस्तर पर पड़ा है ये शख्स, मजबूर मां को मदद की दरकार
punjabkesari.in Sunday, Jun 19, 2016 - 03:14 PM (IST)
घमंडिया (श्रीगंगानगर) : रीढ़ की हड्डी टूटने से पांच साल से बिस्तर पर रहने को मजबूर काशीराम की जिंदगी मौत से बदतर हो चुकी है। उसके मां-बाप बृजलाल और रोशनी बेटे के इलाज के लिए जेवरात तक बेच चुके हैं लेकिन बेटे के ठीक होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। रोशनी कहती हैं, मैं रोज भगवान से खुद की मौत मांगती हूं, कहती हूं बस बेटे को ठीक कर दे।
रोशनी की तीन बेटियां हैं और दो बेटे। मां-बाप ने किसी तरह पैसे एकत्रित कर इनकी शादियां की लेकिन बाद में ये दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
मां के लिए दवा लेने गया था काशीराम बताते हैं कि हादसे से ठीक पहले काशीराम अपनी बीमार मां के लिए दवा लेने जा रहा था। रास्ते में हादसे का शिकार हो गया। बीमारी में पत्नी ने भी साथ छोड़ दिया।
बिस्तर से उठ पाने की संभावना न बनती देख पत्नी के मायके वालों ने उसकी दूसरी शादी करवा दी। दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते बृजलाल की जूतियां घिस गईं लेकिन इलाज के लिए सरकारी मदद लेना तो दूर राशन कार्ड तक नहीं बनवा सका। बृजलाल कहते हैं- गरीब इंसान की मदद करने वाला कोई नहीं।
बिस्तर से उठ पाने की संभावना न बनती देख पत्नी के मायके वालों ने उसकी दूसरी शादी करवा दी। दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते बृजलाल की जूतियां घिस गईं लेकिन इलाज के लिए सरकारी मदद लेना तो दूर राशन कार्ड तक नहीं बनवा सका। बृजलाल कहते हैं- गरीब इंसान की मदद करने वाला कोई नहीं।