Richest Countries List: आ गई रईस लोगों की लिस्ट! जानिए किस देश में रहते हैं सबसे ज्यादा करोड़पति

punjabkesari.in Wednesday, Jun 11, 2025 - 11:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत न केवल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है बल्कि अब यह रईसों की संख्या के मामले में भी टॉप लिस्ट में शामिल हो गया है। प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक की 'ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट-2025' में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार भारत एक टॉप ग्लोबल वेल्थ हब के तौर पर उभरा है। देश में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) का आंकड़ा 85,698 तक पहुँच गया है जो अमीरों की संख्या के मामले में इसे दुनिया में चौथे पायदान पर रखता है।

अमेरिका, चीन और जापान के बाद भारत का दबदबा

रिपोर्ट के मुताबिक अमीरों की संख्या के मामले में अब भारत से आगे सिर्फ तीन देश हैं: पहले पायदान पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और तीसरे पर जापान। देश में अमीरों की तादाद में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है और नाइट फ्रैंक की यह नई रिपोर्ट इसका पुख्ता उदाहरण है। एजेंसी ने अनुमान जताया है कि यह रफ्तार यहीं थमने वाली नहीं है बल्कि साल 2028 तक भारत के HNWI की संख्या बढ़कर 93,758 हो जाएगी।

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अरबपतियों के मामले में तीसरे नंबर पर भारत

जहाँ HMWIS के मामले में भारत दुनिया में चौथे पायदान पर है। वहीं देश में अरबपतियों की संख्या भी कई बड़े देशों से ज़्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में भारत में अरबपतियों की संख्या सालाना आधार पर 12% के इज़ाफ़े के साथ बढ़कर 191 हो गई है। इन अरबपतियों के पास कुल मिलाकर 950 अरब डॉलर की संपत्ति थी जो अमेरिका (5.7 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (1.34 ट्रिलियन डॉलर) के बाद वैश्विक स्तर पर इसे तीसरे स्थान पर रखती है।

 

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भारत के सबसे अमीर क्लब में शामिल होने के लिए कितनी संपत्ति चाहिए?

रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि भारत के सबसे अमीर लोगों के क्लब (इंडिया'ज रिचेस्ट क्लब) में शामिल होने के लिए आपको 1.52 करोड़ रुपये की नेटवर्थ की ज़रूरत होगी। हालांकि टॉप 1% अमीरों में शामिल होने की यह एंट्री लिमिट वैश्विक मानकों की तुलना में मामूली ही है।

 

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इन्वेस्टमेंट एडवाइजर अद्वैत अरोड़ा के अनुसार मोनाको में शीर्ष 1% में शामिल होने के लिए किसी को 107 करोड़ रुपये की राशि की आवश्यकता होती है जबकि स्विट्जरलैंड में 71 करोड़ रुपये, अमेरिका में 48 करोड़ रुपये और ऑस्ट्रेलिया में 46 करोड़ रुपये की ज़रूरत होगी। सिंगापुर के लिए यह कट-ऑफ 43 करोड़ रुपये UAE के लिए 13 करोड़ रुपये और ब्राज़ील के लिए 3.6 करोड़ रुपये है।

ये सेक्टर्स बना रहे ज़्यादा अमीर

भारत में 10 मिलियन डॉलर (लगभग 87 करोड़ रुपये) से ज़्यादा की नेटवर्थ वालों को HNI (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) कैटेगरी में रखा जाता है और इस मानक को पूरा करने वाले अमीरों की तादाद 85,698 हो चुकी है। यह आंकड़ा दुनियाभर के कुल अमीरों में 3.7% है। नाइट फ्रैंक के मुताबिक भारत में अमीरों की लिस्ट लंबी होने के पीछे का श्रेय प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर तक को जाता है। इसमें लगातार बढ़ते स्टार्टअप्स का भी बड़ा योगदान है। यह रिपोर्ट भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और वैश्विक पटल पर उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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