श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 11:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत के उद्धारकर्ता श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का अमर स्रोत है। उन्होंने कहा कि 17वीं शताब्दी में अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध गुरु साहिब का त्याग केवल सिख इतिहास का नहीं, बल्कि समूची मानवता का सर्वोच्च आदर्श है।

मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी- “श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन एवं दर्शन”- में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने छात्रों द्वारा तैयार की गई गुरुओं के जीवन पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

गुरु तेग बहादुर अध्ययन पीठ की होगी स्थापना

मुख्यमंत्री सैनी ने घोषणा की कि चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय में “श्री गुरु तेग बहादुर अध्ययन पीठ” की स्थापना की जाएगी, जहाँ छात्र गुरुजी के जीवन, दर्शन और विचारों पर गहन अध्ययन व शोध कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी जयंती के उपलक्ष्य में 1 नवंबर से शुरू हुए राज्यव्यापी समारोह 25 नवंबर तक चलेंगे। मुख्य समारोह कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान चार पवित्र यात्राएँ निकाली जाएँगी, जिनमें से पहली यात्रा सिरसा के रोड़ी धाम से आरंभ हुई है।

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गुरुजी के आदर्श आज भी मार्गदर्शक

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब मानवता तकनीकी युग में प्रवेश कर चुकी है, तब भी गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएँ भारत को सही दिशा दे रही हैं। उन्होंने कहा — “भारत की असली ताकत केवल तकनीक में नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिकता और साहस में निहित है।”

युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा और मानसिक दबाव के इस दौर में गुरु तेग बहादुर जी और उनके चार शहीद शिष्य “प्रकाश-स्तंभ” की तरह मार्ग दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य” के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है — जो गुरु परंपरा की ही विस्तारित भावना है।

सिख विरासत के संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार सिख इतिहास और विरासत के संरक्षण के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि 1984 के दंगों में प्रभावित 121 सिख परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने याद दिलाया कि दिसंबर 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना कर समुदाय को धार्मिक मामलों में आत्मनिर्णय का अधिकार दिया गया।

सरकार द्वारा सिख विरासत को सम्मान देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं-

  • सिरसा में गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि आवंटित।
  • यमुनानगर में बन रहे मेडिकल कॉलेज का नाम — “हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी मेडिकल कॉलेज” रखा गया।
  • असंध कॉलेज का नाम बदलकर “बाबा फतेह सिंह जी कॉलेज” किया गया।
  • लखनौर साहिब में “माता गुजरी वी.एल.डी.ए. कॉलेज” की स्थापना।
  • लोहगढ़ (यमुनानगर) में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास।
  • “स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना” के तहत श्रद्धालुओं को श्री हजूर साहिब, ननकाना साहिब, हेमकुंट साहिब और पटना साहिब जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए वित्तीय सहायता।

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गुरु परंपरा का राष्ट्रीय उत्थान

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में सिख विरासत को जो सम्मान मिला है, वह अब भारत की राष्ट्रीय नीति का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा- “श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से लेकर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व तक, भारत विकास और आध्यात्मिक उत्थान की राह पर तेजी से बढ़ रहा है।”

अंत में उन्होंने सभी से आह्वान किया कि गुरु साहिब की शिक्षाओं को केवल स्मरण ही नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि मानवता में शांति, सद्भाव और आत्मिक शक्ति का संचार हो सके। इस

अवसर पर कुलपति प्रो. विजय कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह, राज नेहरू, प्रो. जगदीप सिंह, प्रो. कुलदीप सिंह अग्निहोत्री सहित अनेक विद्वान, संत और छात्र उपस्थित रहे।


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News Editor

Parveen Kumar

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