भीख मांगने वाले बच्चों का बदला भविष्य, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की परेड में लेंगे हिस्सा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 06:37 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर 45 बच्चों की जिंदगी इस गणतंत्र दिवस पर बदल जाएगी। भिक्षावृत्ति के दलदल से निकले यह बच्चे 26 जनवरी को विधान भवन के सामने मार्च करते हुए उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। लखनऊ के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'उम्मीद' की कोशिशों से इन बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद जगी है। इनमें चिनहट इलाके की रहने वाली नौ साल की बच्ची माही भी शामिल है। वह अब डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती है। माही ने अपनी साथियों का जिक्र करते हुए 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मैं अपनी दीदियों के साथ नृत्य प्रस्तुति दूंगी।''

एनजीओ ‘उम्मीद' के संस्थापक और सचिव बलबीर सिंह ने कहा कि परेड में शामिल होने वाले बच्चे भिक्षावृत्ति की जकड़ से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा, "हम पिछले आठ से 12 महीनों से इन बच्चों के साथ काम कर रहे थे। मूल रूप से हमने इन बच्चों में आत्म-सम्मान और आत्म-प्रतिष्ठा की भावना जगाने का काम किया।'' सिंह ने कहा कि इन बच्चों को उनके संकुचित दायरे से बाहर निकालकर दुनिया के अन्य पहलुओं से भी रूबरू कराया गया और उन्हें राजभवन ले जाया गया। इन बच्चों ने लखनऊ के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त से मिलकर उनसे बातचीत की।

सिंह ने कहा, "जब वे इन जगहों पर गए तो उनका स्वाभिमान जागा और यहां तक ​​कि इन बच्चों के माता-पिता ने भी भिक्षावृत्ति छोड़ने के उनके इरादे में उनका साथ दिया।" सिंह ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, लखनऊ नगर निगम और उनकी संस्था ‘उम्मीद' की ओर से बच्चों को भिक्षावृत्ति से बाहर निकालने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया, ''परेड में शामिल होने वाले ये बच्चे पहले भीख मांगते थे और पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने जा रहे हैं। बच्चे बेहद उत्साहित हैं। यह एक नई बात है।" उन्होंने बताया कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में इन बच्चों से मुलाकात की थी। गणतंत्र दिवस पर परेड करने वाले इन बच्चों के दल में शामिल 16 वर्षीय आदित्य ने कहा कि वह पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने को लेकर उत्साहित है।

इसके अलावा पुलिस में भर्ती होने की इच्छा रखने वाली प्रीति (14) ने कहा कि उसके माता-पिता बेहद खुश हैं, क्योंकि वह गणतंत्र दिवस पर वह काम करने जा रही है जिसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। कभी भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर रहा 10 साल का किशना तिरंगे को ऊंचा पकड़े आत्मविश्वास से भरा दिख रहा था, क्योंकि वह अब सपने देख सकता है। उसने कहा, 'मैं डांसर बनना चाहता हूं। मैं प्रभु देवा से प्रेरणा लेता हूं।" उसका दोस्त ऋतिक भी डांसर बनना चाहता है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ‘स्माइल' नाम से एक राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार की है। इस योजना की दो उप-योजनाएं हैं जिनमें से एक का संबंध 'ट्रांसजेंडर' व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास से है, तो दूसरी का संबंध भिक्षावृत्ति के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के लिए है।


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Content Writer

Yaspal

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