आदमपुर पर कब्जे का सपना… 12 मरे, 140 पकड़े गए थे, जानिए कहानी 1965 युद्ध की
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 02:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। वहां से उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी उस मुल्क को जो 1965 में भी इसी एयरबेस पर नापाक नजरें डाल चुका था। लेकिन इतिहास गवाह है पाकिस्तान की वो हरकत नाकाम हुई और आदमपुर एयरबेस ने भारतीय शौर्य का ऐसा पन्ना लिखा, जो आज भी गर्व से पढ़ा जाता है। साल 1965 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान ने एक दुस्साहसी योजना बनाई। पंजाब के आदमपुर एयरबेस को कब्जे में लेने के लिए उसने अपने 55 स्पेशल कमांडो एयरड्रॉप किए। मंशा थी भारतीय वायुसेना की रीढ़ तोड़ देना। लेकिन जो हुआ वह पाकिस्तान कभी नहीं भुला सका। स्थानीय लोगों ने इन घुसपैठियों को गन्ने के खेतों में खोजकर लाठियों से पीटा और भारतीय सेना ने गोलियों से भून दिया। पंजाब के जालंधर और होशियारपुर के बीच स्थित आदमपुर एयरबेस, भारतीय वायुसेना का दूसरा सबसे बड़ा और रणनीतिक रूप से बेहद अहम बेस है। यहां से भारतीय एयरफोर्स पाकिस्तान की सीमा के भीतर गहरे तक वार कर सकती है। यह 'ब्लैक आर्चर' यानी 47वें स्क्वाड्रन का मुख्यालय है। यही वजह थी कि 1965 की जंग में पाकिस्तान की नजर इस एयरबेस पर थी।
पाकिस्तान का 'सीक्रेट प्लान': चोरी-छुपे एयरबेस पर कब्जा
पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन' को बेहद गुप्त रखा। योजना थी भारत के तीन अहम एयरबेस (आदमपुर, हलवारा और पठानकोट) पर एकसाथ हमला। इसके लिए 182 स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) कमांडोज तैयार किए गए। तीन टीमों में बांटे गए ये कमांडो तीन C-130 विमानों से उतारे जाने थे। हर कमांडो को 2 दिन का राशन, हथियार, ग्रेनेड और 400 रुपये भारतीय मुद्रा दी गई। लेकिन पाकिस्तान का ये प्लान जमीनी हकीकत से टकराकर बिखर गया।
आदमपुर में घिरे पाकिस्तानी, 12 को सेना ने मार गिराया
आदमपुर के पास पाकिस्तानी कमांडो एक गांव के बीचोबीच उतर गए। ग्रामीणों को शक हुआ, तो लाठी-डंडे लेकर लोग निकल पड़े। कुछ पाकिस्तानी गन्ने के खेतों में छिपे, लेकिन वहां भी बच नहीं सके। जब तक वे कुछ समझते, पंजाब पुलिस पहुंच चुकी थी। नतीजा 12 घुसपैठिए मारे गए, 140 से ज्यादा पकड़े गए और आदमपुर एयरबेस आज भी दुश्मनों के लिए एक चेतावनी बना खड़ा है।
पठानकोट में किसानों ने बजाई डुगडुगी, पाकिस्तानी घबराए
पठानकोट में भी 64 पाकिस्तानी कमांडो उतरे लेकिन एयरबेस से काफी दूर। जब तक ये संगठित होते किसान जाग चुके थे। शोर मचा और स्थानीयों ने इनपर धावा बोल दिया। 45 को पकड़ा गया, 4 मारे गए और कुछ पहाड़ियों में भाग निकले। हलवारा में 63 पाक कमांडो उतरे, लेकिन यहां भी स्थानीय लोग सतर्क थे। किसानों और पुलिस ने मिलकर मुकाबला किया।
ये दक्षिण एशिया का पहला बड़ा स्पेशल फोर्स मिशन था, जिसमें पाकिस्तान को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।