देश में तेजी से बढ़ रहा कोरोना का खतरा, मरने वालों की संख्या 20,000 के पार
punjabkesari.in Tuesday, Jul 07, 2020 - 10:32 AM (IST)
नेशनल डेस्क: देश में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले दो दिन तक 24 हजार से अधिक रहने के बाद पिछले 24 घंटों के दौरान इसमें कुछ कमी आयी है लेकिन इस अवधि में 467 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 20 हजार के पार हो गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 22,252 नये मामले सामने आये हैं जो गत शनिवार के बाद का सबसे कम आंकड़ा है। इससे कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,19,665 हो गई है।
गत शनिवार को 22,771 नये मामले दर्ज किये गये थे। रविवार को 24,850 और सोमवार को 24,248 मामले सामने आये। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 467 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 20,160 हो गई है और इस दौरान 15,515 रोगी स्वस्थ हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 4,39,948 लोग रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 2,59,557 सक्रिय मामले हैं।
कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संंक्रमण के 5,368 मामले दर्ज किये गये जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 2,11,987 पर पहुंच गया है तथा 204 लोगों की मौत हुई है जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 9,026 हो गयी है। राज्य में 1,15,262 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचे तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या 3,827 बढ़कर 1,14,978 पर पहुंच गयी है और इसी अवधि में 61 लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 1571 हो गयी है। राज्य में 66,571 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
बता दें कि भारत रविवार को रूस को पीछे छोड़ते हुए कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला तीसरा देश बन गया है। संक्रमण के कुल मामलों में अब केवल अमेरिका और ब्राजील ही भारत से आगे है। इस बीच बेंगलुरू स्थित वैज्ञानिकों की संस्था इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज (आईएएससी) ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) द्वारा 15 अगस्त को कोरोना वायरस का टीका जारी करने का लक्ष्य ‘‘अव्यावहारिक'' और हकीकत से परे है। आईएएससी ने कहा कि नि:संदेह इसकी तुरंत जरूरत है, लेकिन मानवीय जरूरत के लिए टीका विकसित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से वैज्ञानिक पद्धति से क्लीनिकल परीक्षण की आवश्यकता होती है।