अब स्टूडेंट नहीं कहलाएंगे बैकबैंचर्स, तमिलनाडु में बदलेगा क्लासरूम का नज़ारा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 02:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क : तमिलनाडु की कक्षाओं में अब छात्रों के बैठने का तरीका बदलने वाला है। अब से स्कूलों में छात्रों को अंग्रेजी के 'U' आकार या तमिल के 'ப' (PA) आकार में बैठाया जाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों के बीच के संवाद को बेहतर बनाना और सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना है।

तमिलनाडु सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "हर आवाज़ सुनी और देखी जानी चाहिए। सीखना एक व्याख्यान नहीं, बल्कि एक बातचीत बन जाना चाहिए।" यह नई व्यवस्था अभी पायलट आधार पर (यानी छोटे पैमाने पर परीक्षण के तौर पर) लागू की जाएगी। इसकी सफलता को देखने के बाद इसे राज्य के अन्य स्कूलों में भी लागू किया जा सकता है। प्रति कक्षा छात्रों की संख्या कक्षा के आकार पर निर्भर करेगी।

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'U' और 'ப' (PA) आकार क्या है?

'U' आकार का मतलब है कि कक्षा में सभी छात्रों की सीटिंग व्यवस्था 'U' अक्षर के जैसी होगी। इसे आप एक बड़े आधे गोले या अर्ध-वृत्त के रूप में समझ सकते हैं। इस व्यवस्था में डेस्क और कुर्सियाँ इस तरह लगाई जाती हैं कि कोई भी छात्र एक-दूसरे के आगे या पीछे नहीं बैठता। शिक्षक 'U' के खुले हिस्से में खड़े होकर सभी छात्रों को आसानी से देख सकते हैं, और छात्र भी एक-दूसरे का चेहरा देख पाते हैं। इससे शिक्षक और छात्रों के बीच सीधा संपर्क और बातचीत आसान होती है।

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वहीं, 'ப' (PA) आकार तमिल वर्णमाला का एक अक्षर है जो दिखने में एक आधा घेरा और एक सीधी लाइन जैसा होता है। इस आकार में बैठने की व्यवस्था भी 'U' आकार की तरह ही एक प्रकार का आधा वृत्त या घेरा बनाती है। यह व्यवस्था भी छात्रों को एक-दूसरे की ओर देखने और आपस में संवाद करने में मदद करती है। यह पूरी तरह से 'U' आकार के जैसा ही है, बस इसका नाम तमिल अक्षर के नाम पर रखा गया है।

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इस नई व्यवस्था के फायदे क्या हैं?

यह नई सिटिंग व्यवस्था कई उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगी:

  • आँख से आँख मिलाकर संपर्क: शिक्षक छात्रों से आसानी से आँखों का संपर्क बना पाएंगे, जिससे छात्रों की सहभागिता बढ़ेगी।
  •  प्रभावी निगरानी: शिक्षक कक्षा में प्रत्येक छात्र पर अधिक प्रभावी ढंग से नज़र रख पाएंगे।
  • पदानुक्रम में कमी: यह पारंपरिक पंक्तिबद्ध व्यवस्था की तुलना में शिक्षक और छात्रों के बीच के औपचारिक पदानुक्रम की भावना को कम करेगा, जिससे छात्र बेझिझक सवाल पूछ सकेंगे।
  • बातचीत को प्रोत्साहन: छात्र एक-दूसरे को देख पाएंगे, जिससे वे आपस में और शिक्षक के साथ अधिक सक्रिय रूप से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। यह सीखने की प्रक्रिया को अधिक इंटरैक्टिव बनाएगा।

 


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News Editor

Radhika

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