अब Ola-Uber में सफर महंगा! केंद्र सरकार ने बदली कैब एग्रीगेटर पॉलिसी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 11:13 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कैब सर्विस लेने वालों के लिए एक अहम खबर है। अगर आप ऊबर, ओला, इनड्राइव या रैपिडो से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। केंद्र सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके तहत अब ये कंपनियां पीक ऑवर्स में बेस फेयर का दोगुना तक किराया वसूल सकेंगी। पहले यह सीमा 1.5 गुना थी। वहीं नॉन-पीक ऑवर्स में किराया बेस फेयर का कम से कम 50% रखा जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी इन मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 को राज्यों को तीन महीनों में लागू करने की सलाह दी गई है।
राइड कैंसिल करने पर लगेगा जुर्माना
ड्राइवर या यात्री द्वारा बिना उचित कारण के बुकिंग रद्द करने पर अब किराए का 10% (अधिकतम ₹100) जुर्माना लगेगा। यह राशि ड्राइवर और एग्रीगेटर के बीच साझा की जाएगी।
ड्राइवरों के लिए बीमा अनिवार्य
यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि..
- हर ड्राइवर के पास कम से कम ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा और
- ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस हो।
राज्य तय करेंगे बेस फेयर
नई गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे विभिन्न प्रकार के वाहनों जैसे कि ऑटो-रिक्शा और बाइक टैक्सी के लिए बेस फेयर तय करें। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली और मुंबई में टैक्सी का बेस फेयर ₹20-₹21 प्रति किलोमीटर है, जबकि पुणे में ₹18 प्रति किलोमीटर है। डेड माइलेज यानी वाहन के खाली चलने की दूरी के लिए यात्री से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जब तक कि यह दूरी 3 किमी से कम न हो। किराया केवल यात्रा की शुरुआत से गंतव्य तक ही लागू होगा।
ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य
सुरक्षा की दृष्टि से यह भी अनिवार्य किया गया है कि सभी वाहनों में लोकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगे हों और उसका डेटा एग्रीगेटर व राज्य सरकार के कंट्रोल सेंटर से जुड़ा हो। साथ ही, हर ड्राइवर के लिए सालाना रिफ्रेशर ट्रेनिंग अनिवार्य होगी, जिन ड्राइवरों की रेटिंग सबसे कम 5% में आती है, उन्हें हर तिमाही में प्रशिक्षण लेना जरूरी होगा, अन्यथा वे सेवा नहीं दे सकेंगे।