बाबरी मामले के आरोपी का दावा- योजनाबद्ध तरीके से गिराई गई थी मस्जिद

punjabkesari.in Tuesday, Apr 25, 2017 - 03:00 PM (IST)

नई दिल्ली: बाबरी केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवाणी समेत 12 लोगों पर आपराधिक साजिश का मुकद्दमे चलाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही ये खबर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले के मुख्य आरोपी पवन पांडे ने अब इस मामले में एक बड़ा दावा किया है। उनके मुताबिक बाबरी ढांचे को योजनाबद्ध तरीके से गिराया गया और कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इसकी तैयारी शुरू हो गई थी। वह दावा कर रहे हैं कि 6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए 5 दिसंबर को जो बैठक बुलाई गई थी उसमें अडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल मौजूद थे। इसी बैठक में अंतिम रणनीति तैयार की गई थी।

ढांचा गिराने को लेकर हुए थे 2 मत
उनका कहना है कि इस बैठक में ही 2 मत हो गए थे। कुछ लोग विवादित ढांचे को गिराए जाने की बात कह रहे थे तो कुछ इसके खिलाफ थे। इस पूरे मामले में वेदांती महाराज के बयान से पवन पांडे नाराज हैं। उनका कहना है कि वेदांदी झूठ बोल रहे हैं, वे ढांचा गिराने के दौरान वहां मौजूद नहीं थे। जिस समय अयोध्या आंदोलन चरम पर था उस समय पवन पांडे उत्तर प्रदेश शिवसेना के अध्यक्ष थे। वर्ष 1986 में बाला साहेब ठाकरे के सामने पांडे ने शिवसेना की सदस्यता ग्रहण की थी।

कारसेवकों को ढांचा तोडऩे की दी गई थी ट्रेनिंग 
ठाकरे पांडे को उद्धव और राज ठाकरे के बाद अपना तीसरा बेटा मानते थे। पांडे ने दावा किया कि कारसेवकों को ढांचा तोडऩे की ट्रेनिंग दी गई थी कि ढांचा कैसे तोडऩा है। 2 जिलों में सैंकड़ों कारसेवकों में पत्थर तोडऩे की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी। शिवसेना नेता कहना है कि अब तक उन्होंने कोर्ट में कुछ नहीं कहा है। क्योंकि कोर्ट में अभी तक उनके बयान दर्ज करने की बारी नहीं आई है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने ही मीर बाकी का पत्थर तोड़ा था। उनका दावा है कि सीबीआई का पास पत्थर का एक हिस्सा है जबकि दो हिस्से उनके पास अब भी हैं। 


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