अमीर लोगों के केस को प्राथमिकता नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2019 - 04:42 AM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने देश के समृद्ध एवं प्रभावशाली लोगों को स्पष्ट किया कि उनके मामलों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी और उच्च न्यायालयों या सुनवाई अदालतों को किसी भी मामले को खास समयसीमा में फैसला करने का निर्देश नहीं देगा। 

जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए की जिसने बम्बई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में अग्रिम जमानत की उसकी याचिका खारिज कर दी थी। न्यायालय ने अपील खारिज कर कहा कि दो सप्ताह में सरेंडर कर दे तो नियमित जमानत याचिका पर विचार करेगी। 

फेसबुक की याचिका सुनेगी कोर्ट 
उच्चतम न्यायालय फेसबुक इंक की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया, जिसके जरिए उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार नंबर से जोडऩे की मांग करने वाले मामलों को शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। ये मामले मद्रास, बंबई और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। 

शीर्ष न्यायालय ने केन्द्र, गूगल, ट््िवटर, यूट््यूब और अन्य को नोटिस जारी कर 13 सितंबर तक उनका जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायूर्मित अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि जिन पक्षों को नोटिस तामील नहीं किए गए हैं, उन्हें ईमेल से नोटिस भेजे जाएं। उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया प्रोफाइल को 12 अंकों वाले आधार से जोड़े जाने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित मामले पर सुनवाई जारी रहेगी, लेकिन कोई अंतिम आदेश नहीं दिया जाएगा। 


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Pardeep

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