2025 का कैलेंडर 1941 जैसा! क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है? जानिए क्या है सच्चाई

punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 06:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  2025 के शुरुआती छह महीने बीत चुके हैं। इस बीते समय में दुनिया भर में ऐसी घटनाएं हुईं हैं जिन्हें भुला पाना आसान नहीं होगा। इन घटनाओं ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। साल की शुरुआत से ही वैश्विक स्तर पर युद्ध के हालात बने हुए हैं। कई क्षेत्रों में सैन्य संघर्षों ने शांति और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियाँ पेश की हैं, जिससे अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इन संघर्षों के साथ-साथ, दुनिया ने विमान हादसों जैसी दुखद घटनाओं को भी देखा है, जिनमें कई लोगों की जान चली गई। इन हादसों ने हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं और शोक का माहौल पैदा किया है।

PunjabKesari

क्या 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा है?

यदि आप वर्ष 2025 के कैलेंडर को देखेंगे, तो यह हूबहू वैसा ही है जैसा 1941 में था। हर महीने की तारीखें और दिन समान हैं। अगर आप सोच रहे हों कि ऐसा पहली बार हुआ है तो यह बिल्कुल गलत है। हर कुछ दशकों में किसी साल का कैलेंडर किसी पुराने साल से मेल खा सकता है – यानी वही दिन और तारीख एक ही दिन पड़ सकते हैं।

इसकी वजह क्या है?

इस कैलेंडर समानता की मुख्य वजह यह है कि 1941 और 2025 दोनों ही गैर-लीप वर्ष हैं। दोनों में 1 जनवरी बुधवार के दिन पड़ी है। कैलेंडर का ऐसा चक्र आमतौर पर हर 28 साल में दोहराया जाता है, क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में सप्ताह के दिन और तारीखें इस चक्र में दोहराती हैं। यह लीप ईयर के पैटर्न और 7 दिनों के हफ्ते के चक्र के कारण होता है।

PunjabKesari

क्या 1941 और 2025 ऐतिहासिक रूप से एक जैसे अशांत रहे हैं?

वायरल वीडियो दावा कर रहा है कि 2025 और 1941 के कैलेंडर हूबहू एक जैसे हैं और दोनों साल भी ऐतिहासिक रूप से अशांत रहे हैं। कैलेंडर की समानता सही है, लेकिन घटनाओं का पैमाना अलग है। 1941 में विश्व युद्ध था, जबकि 2025 में कई क्षेत्रीय संघर्ष हैं। इतिहास खुद को हूबहू नहीं दोहराता।

1941 का साल: यह साल द्वितीय विश्व युद्ध का निर्णायक और भयानक साल था:

  • जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया।
  • जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला किया, जिसके बाद अमेरिका युद्ध में कूद गया।
  • यूरोप, अफ्रीका और एशिया में युद्ध की लपटें फैल चुकी थीं।
  • दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियां, सोवियत संघ और अमेरिका, इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो चुकी थीं।
  • दूसरे विश्व युद्ध का एशिया और यूरोप पर बहुत गहरा असर पड़ा, कई देशों के नक्शे बदल गए और अर्थव्यवस्था में आमूलचूल बदलाव हुआ। इसे आर्थिक मंदी का साल माना गया।

2025 का साल (अब तक): इस साल भी दुनिया कई संकटों से जूझ रही है, खासकर युद्ध जैसी स्थिति से। पिछले कुछ दशकों में इस तरह के युद्ध के हालात कभी नहीं देखे गए:

  • रूस-यूक्रेन युद्ध: यह युद्ध तीन साल से चल रहा है और इस साल इसका संकट और गहराया हुआ लग रहा है।
  • भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष: इस साल पहलगाम में आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मई में सैन्य संघर्ष हुआ, हालांकि चार दिनों के बाद ही दोनों देशों ने संघर्ष विराम कर लिया।
  • इजरायल-हमास-हिज़्बुल्लाह संघर्ष: साल की शुरुआत के साथ ही इजरायल ने गाजा पट्टी से हमास और लेबनान के हिज्बुल्ला का अंत करने का दावा किया, जिससे कई सालों से अशांति फैल रही थी।
  • ईरान-इजरायल टकराव: जून में इजरायल ने सीधे ईरान पर हवाई हमला कर दिया, जिसका ईरान ने जवाब दिया। दोनों के बीच यह संघर्ष छठे दिन भी जारी है और अमेरिका भी इस टकराव में शामिल होता हुआ दिख रहा है।
  • इस साल भी युद्ध में दो महाशक्तियां, रूस और अमेरिका, शामिल हैं। रूस प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है, तो इजरायल और ईरान के संघर्ष में अमेरिका पीछे से शामिल है और अब सामने आकर ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना चुका है।
  • एशियाई देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, ईरान और इजरायल भी इससे प्रभावित हैं। इस साल भी आर्थिक मंदी की आहट आने लगी है।

क्या दोनों सालों के हालात वाकई एक जैसे हैं?

 दोनों सालों में वैश्विक अस्थिरता और युद्ध जैसी स्थितियां तो जरूर हैं, लेकिन घटनाओं का पैमाना और स्वरूप अलग है। इन्हें एक तरीके से मिलाकर नहीं देखा जा सकता। यह भी निश्चित है कि इतिहास का पूरा घटनाक्रम कभी नहीं दोहराता, लेकिन कुछ पैटर्न और परिस्थितियां समय-समय पर मिलती-जुलती लग सकती हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Radhika

Related News