जातिगत जनगणना की घोषणा केंद्र की नहीं, तेलंगाना की जीत: उपमुख्यमंत्री विक्रमार्क का बयान
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 05:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने शनिवार को एक सम्मान समारोह के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना को लेकर की गई घोषणा किसी राजनीतिक दया का परिणाम नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना सरकार द्वारा बनाए गए जबरदस्त दबाव का नतीजा है। उन्होंने इस निर्णय को तेलंगाना के लोगों की जीत बताया।
1930 के बाद पहली बार हुआ ऐसा सर्वेक्षण
विक्रमार्क ने अपने संबोधन में बताया कि 1930 के बाद भारत में कोई व्यापक जातिगत जनगणना नहीं हुई थी। आजादी के बाद, पहली बार एक राज्य ने यह कार्य न केवल शुरू किया, बल्कि रिकॉर्ड समय में इसे सफलता के साथ पूरा भी किया। उन्होंने इसे "स्वतंत्र भारत का पहला वैज्ञानिक, समावेशी और त्रुटिहीन जातिगत सर्वेक्षण" कहा।
50 दिनों में पूरा हुआ कठिन कार्य
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने मिलकर यह चुनौतीपूर्ण कार्य महज 50–55 दिनों में पूर्ण किया। यह कार्य इतना जटिल था कि इसके लिए समर्पण, प्रशासनिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी।
नीतिगत निर्णयों में शामिल होंगे सर्वे के निष्कर्ष
विक्रमार्क ने यह भी स्पष्ट किया कि तेलंगाना सरकार जातिगत जनगणना के निष्कर्षों को अपने नीति-निर्माण में इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इससे वंचित वर्गों को बेहतर योजनाओं और सहायता का लाभ मिल सकेगा।
पिछड़ी जातियों को 42% आरक्षण का प्रस्ताव
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य विधानसभा में OBC समुदाय को 42% आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसे अब केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से मिले डाटा के आधार पर यह एक ऐतिहासिक सामाजिक न्याय की दिशा में कदम है।
जनता को जोड़ने की अपील
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जातिगत जनगणना के नतीजों को आम जनता के बीच ले जाना जरूरी है और यह पिछड़े वर्गों के लिए एक नई उम्मीद है। उन्होंने इन वर्गों से सरकार के साथ खड़े होने की अपील की, ताकि सामाजिक न्याय के इस मिशन को और मजबूती मिले।
केंद्र की घोषणा, लेकिन प्रेरणा तेलंगाना से
बुधवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की कि अगली जनगणना में जातिगत आंकड़े भी "पारदर्शी तरीके से" शामिल किए जाएंगे। विक्रमार्क ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला केंद्र की पहल नहीं, बल्कि कांग्रेस और तेलंगाना की नीतिगत दृढ़ता का परिणाम है।