''नहीं होगी शादी की उम्र समान'', सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका...कहा- संसद तय करे

punjabkesari.in Monday, Mar 27, 2023 - 06:21 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह उम्र तय करने के लिए संसद को कानून बनाने का निर्देश देने जैसा होगा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिंह और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करेगी तथा यह मामला विधायिका के अधिकारक्षेत्र में आता है।

शीर्ष अदालत ने 20 फरवरी के अपने आदेश का हवाला दिया जिसमें उसने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में भी पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र में समानता की मांग की गई थी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "यह कानून बनाने जैसा होगा... यह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। एक प्रावधान को खत्म करने से ऐसी स्थिति पैदा होगी जहां महिलाओं की शादी के लिए कोई न्यूनतम आयु नहीं होगी।"

सीजेआई ने कहा कि अगर अदालत इस दलील पर विचार करेगी तो यह संसद को न्यूनतम आयु तय करने का निर्देश देने जैसा होगा। पीठ ने कहा, "इन कार्यवाहियों में चुनौती पुरुषों और महिलाओं की शादी की उम्र पर पर्सनल लॉ को लेकर है। हमने 20 फरवरी, 2023 को अश्विनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के एक समान मामले में फैसला किया है ... पारित आदेश के मद्देनजर, याचिका खारिज की जाती है।” शाहिदा कुरैशी द्वारा दायर याचिका में महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का अनुरोध किया गया था।


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Content Writer

Yaspal

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