‘हनी ट्रैप’ के सहारे कश्मीरी युवाओं को फंसाने में जुटे आतंकी संगठन

punjabkesari.in Monday, Dec 03, 2018 - 12:38 PM (IST)

श्रीनगर: एके 47 ग्रेनेड आतंकियों के बड़े हथियार हैं, जिनके सहारे वे अक्सर आतंक फैलाते हैं। लेकिन अब आतंकियों ने सुरक्षाबलों की हाईटेक चीजों को देखते हुए खूबसूरत महिलाओं के जरिए युवाओं को फांसने में लग गए हैं। जाल में फंसने के बाद आतंकी युवाओं का इस्तेमाल कर हथियारों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने और घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए गाइड के तौर पर काम  कर रहे हैं। हालिया गृह मंत्रालय की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है। इससे जम्मू कश्मीर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स सकते में हैं। डीआरडीओ, एयरफोर्स, एनआईसी द्वारा संचालित 23 साइड गत एक साल में 3 बार से ज्यादा हैक की गई। मौजूदा समय में 3000 से ज्यादा सेना व पैरामिलट्री जवानों से जुड़े ऐसे हसीनाएं पाए गई हैं जो फेसबुक अकाउंट पाकिस्तान से संचालित होता है। यही नहीं 3 माह में 727 ट्विटर, 327 इस्टाग्राम अकाउंट भी पकड़े गए जो पाक से संचालित हो रहें थे।
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आपको जानकार ये हैरानी होगी कि सभी सोशल एकाउंट किसी और के नहीं बल्कि हुस्न की माल्लिकाओं के हैं और इनका निशाना कोई और नहीं बल्कि सेना, पैरामिलट्री फोर्स सहित पुलिस के जवान हैं। ये आंकड़ा गृह मंत्रालय की आंतरिक सुरक्षा यूनिट ने तैयार किया है और इससे संंबंधित रिपेार्ट सरकार को भेजी गई है, जिसमें बताया है कि आतंकी किस तरह से हनीट्रैप को हथियार बना भारत की आतंरिक सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं।

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आंतरिक रिपोर्ट पर जम्मू पुलिस ने किया खुलासा है
अधिकारियों ने बताया कि खुफिया सूचनाओं के आधार पर करीब 2 हफ्ते पहले 17 नवम्बर को सईद शाजिया नाम की एक महिला को बांदीपोरा से गिरफ्तार किया गया। लड़की की उम्र 30-32 वर्ष है। फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर महिला के कई अकाउंट्स थे, जिसे घाटी के तमाम युवा फॉलो करते थे। इनके फालोवर में कई पुलिस के जवान भी शमिल हैं।
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आईपी एड्रेस पर आईबी कर रही काम
आईबी के मुताबिक अधिकारी पिछले कई महीनों से शाजिया द्वारा इस्तेमाल किए गए इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) अड्रेस पर नजर बनाए हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि वह युवाओं से चैट किया करती थी और उन्हें मुलाकात का वादा कर लुभाती थी। वह युवाओं से वादा करती थी कि जो भी उसके कंसाइनमेंट को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाएगा, उससे वह मुलाकात करेगी। बताया जाता है कि हुस्न की मल्लिकाएं ऐसे फोटो भी पोस्ट करती हैं तो जिनसे व्यक्ति इनकी तरफ आकर्षित भी होता है और फिर वीडियों कॉलिंग के जरिए उनसे बातचीत और वीडियों भी शेयर करती हैं। आईबी ने बताया कि घाटी में कई अन्य महिलाएं भी पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए काम कर रही हैं। उन्हें युवाओं को आतंकवाद की तरफ खींचने के लिए लालच देने का काम दिया गया है।

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असिया जान है सबसे बड़ी हनीट्रैप किलर
आईबी की रिपेार्ट के तहत जम्मू पुलिस उस पर निगाह रख रही थी तो पता चला कि शाजिया की गिरफ्तारी से एक हफ्ते उसने कश्मीर के 3 युवकों सहित सेना के एक जवान को फंसाया और उनके कार्य भी करवाएं। हालांकि उसे बांदीपोरा शहर के बाहरी इलाके लवाइपोरा से 20 ग्रेनेडों के साथ गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के मुताबिक शाजिया ने हनीट्रैप के जरिए ही पिछले साल सितम्बर में पुलिस ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर अबु इस्माइल और छोटा कासिम के लिए कई मददगारों को बनाया जिनके जरिए पिछले साल अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले मेंं इन युवाओं से काम भी करवाएं गए जिसके चलते हमला हुआ और 8 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी।

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स्पेशल पुलिस अधिकारी शाजिया तक पहुंचाता था सूचनाएं
शाजिया की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने हंदवाड़ा के रहने वाले एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर को उठा लिया। उसने शाजिया को यह जानकारी दे दी थी कि उसके फोन की निगरानी की जा रही है। उस स्पेशल पुलिस अधिकारी की पहचान इरफान के तौर पर हुई जो शाजिया तक सूचनाएं पहुंचाया करता था। 

पाक आतंकियों के भी संपर्क में थी शाजिया 
शाजिया लगातार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शेरवान उर्फ अली के संपर्क में थी। अली ने ही उसका परिचय पाकिस्तानी आतंकियों सुफियान और खासिम खान गौरी से कराया था। बाद में वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करने लगी। वह घाटी में हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम कराने लगी। 

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ऐसे आई गिरफ्त में हनीट्रैप की मल्लिका 
अमरनाथ यात्रा के बाद से ही आईबी ने जब कुछ आईपी एड्रेस को पकड़ा तो उसमें शाजिया का सुराग मिला। संकेत मिला कि उत्तरी कश्मीर की एक अज्ञात महिला इन दोनों आतंकियों को हथियार और गोला-बारूद सप्लाइ करने में शामिल थी। इस साल अप्रैल में, उस महिला की पहचान सईद शाजिया के तौर पर हुई। उसकी सोशल मीडिया पर गतिविधियों पर सुरक्षाबलों ने नजर रखनी शुरू कर दी। जांच में पता चला कि उसे सीमापार से निर्देश मिल रहे थे कि वह अपने हुस्न का इस्तेमाल करके युवाओं को आतंकवाद की तरफ आकर्षित करे।

 चौंकाने वाले आंकड़े

  • अब तक केन्द्रीय एजेंसियां 30 से अधिक ऐसी महिलाओं की पहचान कर चुके हैं,जो हनीट्रेप के जरिए युवाओं और सरकारी मशीनरी में सेंध लगाती हैं
  • सरकार अब तक  2712 ट्विटर हैंडलर को बंद कर चुका है जो पाक और कश्मीर घाटियों से संचालित किए जाते है,इनका मंसूबां केवल हनीट्रेप था 
  • 372 इस्ट्राग्राम के साइटों को ब्लाक किया गया जो सेना के जवानों में सेंध लगाने का प्रयास कर रहें थे।

सेेना, पैरामिलिट्री पुलिस में ऐसे लगी सेंध
जानकारी के मुताबिक यह हुस्न की महिलाएं का फोलो करने वालों में सबसे ज्यादा सेना के जवान और अधिकारी हैं, इसके बाद बीएसएफ फिर जम्मू कश्मीर की पुलिस है। रिपोर्ट के तहत बताया गया है कि ये महिलाएं सीधे तौर पर सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों ने नहीं जुड़तीं। इसके लिए सबसे पहले वे उनके ऐसे दोस्तों को चिन्हित करती हैं जिनका संबंध सीधे तौर पर फोर्स से नहीं होता। पहले ये लोग उनके दोस्तों को निशाना बनाते हैं उसके बाद उनके जरिए फिर जवानों को पकड़ती हैं। जवान इसलिए इन से जुड़ जाता है क्योंकि उनके ऐसे दोस्त उसके साथी होते हैं जिन पर वे भरोसा करते हैं।

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सेना ने रिपोर्ट पर हामी भरी
गृह मंत्रालय की आतंरिक रिपोर्ट पर सेना ने हामी भरी है और इस संबंध में सेना ने एडवाइजरी भी जारी की है कि वे इस्ट्राग्राम, फेसबुक सहित सभी सोशल साइड से अपने को दूर रखें। अगर एकाउंट पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस संबंध में बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये रिपेार्ट गत सप्ताह पहले जारी हुई थी जिसके बाद उनके विभाग में ये इसी तरह की एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर करीब 2000 से ज्यादा लोगो के एकाउंट भी डिलीट करवाएं गए हैं।


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Seema Sharma

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