मंदिर गिराने का मामला: दिल्ली की सड़कों पर उतरी भीम आर्मी, समर्थन में AAP नेता
punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2019 - 07:29 PM (IST)
नई दिल्लीः दिल्ली के तुगलकाबाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराए गए मंदिर को लेकर बुधवार को भीम आर्मी दिल्ली पहुंची। रामलीला मैदान सहित अन्य जगहों पर भीम आर्मी के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर के अलावा दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और आम आदमी पार्टी (AAP) के कई विधायक भी शामिल हुए। उन्होंने इसका वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए प्रदर्शनकारी 'जय भीम' के नारे लगा रहे थे। उन्होंने सरकार से मांग की कि संबंधित जमीन दलित समुदाय को सौंप दी जाए और मंदिर दोबारा बनवाया जाए।
यह लोग जहांपनाह जंगल में संत रविदास के मंदिर तोड़ने का विरोध कर रहे हैं। इसका नेतृत्व भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेचखर आजाद कर रहे थे। बता दें कि आरोप है कि समुदाय के लोगों की भीड़ जब तुगलकाबाद से निकली तो वहां कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा आगजनी जैसी घटनाएं भी की गई हैं।
डॉ. अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड पर बहुजन समाज की एकता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है मनुवादी सरकार ने अपने फरमान से किस तरह बहुजन समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। #DelhiBand #रविदास_मंदिर pic.twitter.com/Q2xIgs5o37
— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) August 21, 2019
यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है क्योंकि कई राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद के संबंधित स्थल पर या किसी अन्य वैकल्पिक स्थल पर मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं। बता दें कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त हिदायत दी थी कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं और केजरीवाल के कई नेता इसमें शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले बीते मंगलवार को दलित समुदाय ने पंजाब में बंद रखा था।
पंजाब बंद का सबसे ज्यादा असर जालंधर और लुधियाना में देखने को मिला था। इस दौरान ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-दिल्ली राजमार्ग समेत कुछ जगह सड़क पर जाम लगा दिया था जिससे आम जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की।