2015: तेलंगाना और सीएम के लिए स्वयं को मजबूत करने का साल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2015 - 12:23 PM (IST)

हैदराबाद: तेलंगाना और इसके मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के लिए वर्ष 2015 स्वयं को सुदृढ बनाने का साल रहा और टीआरएस सरकार के कल्याण और विकास कार्यक्रमों ने नए राज्य के दूसरे वर्ष में आकार लेना शुरू कर दिया है। बहरहाल, अतिक्ति राजस्व वाले राज्य को इस वर्ष कम बारिश के कारण सूखे की समस्या से दो-चार होना पड़ा और केंद्रीय अधिकारियों के एक दल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए इस महीने राज्य की यात्रा की।

राव ने टीम के साथ बैठक में राज्य में एक बड़ी सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के अलावा 231 मंडलों में किसानों के लिए सब्सिडी और मनरेगा के तहत काम के दिन बढाकर 200 दिन करने की मांग की।  तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने पिछले साल जून में तेलंगाना के गठन के बाद से 18 महीनों में राज्य के ‘‘पुनर्निर्माण’’ के लिए कई योजनाएं शुरू की है।  पृथक राज्य के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले राव का आरोप है कि तेलंगाना को एकीकृत आंध्र प्रदेश में ‘‘आंध्र प्रशासकों’’ के भेदभाव ने नष्ट कर दिया।   

उन्होंने विभिन्न वर्गों के हित के लिए कई निर्णयों और कार्यक्रमों की घोषणा की। पृथक राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने वाले राज्य सरकार के कर्मियों के वेतन में 43 प्रतिशत का जबरदस्त इजाफा किया गया। ‘‘स्वर्णिम तेलंगाना’’ के निर्माण का वादा करने वाली सरकार ने राज्य के हर घर में नल का पानी मुहैया कराने की योजना के तहत ‘जल ग्रिड’ योजना की शुरूआत की और उसने टैंकों एवं अन्य जलाशयों के पुनर्निर्माण के लिए ‘‘मिशन काकतीय’’ की शुरूआत की।  

सत्तारूढ़ पार्टी ने संकल्प लिया है कि यदि वह नलों में पेयजल उपलब्ध कराने की अपनी योजना को पूरा करने में असफल रहती है तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मांगेगी। ये दोनों योजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।  टीआरएस ने चुनाव के दौरान गरीबों के लिए दो शयनकक्षों वाले मकान मुहैया कराने का वादा किया था। हैदराबाद में एेसे फ्लैटों की एक मॉडल कॉलोनी बनाई जा रही है।  

इस साल विद्युत आपूर्ति में सुधार टीआरएस सरकार की सबसे बड़ी सफलता है जबकि कुछ लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि तेलंगाना के गठन के बाद उसे विद्युत की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा।   विपक्षी कांग्रेस, तेदेपा और भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य में कृषि संबंधी संकट के कारण सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है और राज्य मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में संकट के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को दोषी ठहराया है।  हैदराबाद का ‘ब्रांड वैल्यू’ को बढ़ाने की टीआरएस सरकार की योजनाओं को उस समय बल मिला जब तकनीक दिग्गज गूगल ने शहर में एक नए परिसर के निर्माण के अपने निर्णय की घोषणा की।  

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