जनवरी के अंत में रिटायर होने जा रहे तरनजीत सिंह संधू, मुकेश अघी बोले- हम उन्हें बहुत मिस करेंगे

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2024 - 01:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू जनवरी के अंत में वाशिंगटन डीसी में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। संधू 35 साल के लंबे करियर के बाद सरकारी सेवा से रिटायर हो जाएंगे। 1988-बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी संधू ने 2020 की शुरुआत से डीसी में राजदूत के रूप में कार्य किया। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प और फिर जो बिडेन के नेतृत्व वाले दो अलग-अलग प्रशासनों के साथ काम करके ट्रांस इनिशियल पीरियड को भी पार किया, जिससे रिश्ते को एक नया रुप मिला। 

उन्होंने 2013 और 2016 के बीच मिशन के उप प्रमुख के रूप में भी कार्य किया, जब उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के अधीन काम किया, जो उस समय डीसी में राजदूत के रूप में कार्यरत थे।संधू की अमेरिका में पहली पोस्टिंग 1998 में परमाणु परीक्षणों के मद्देनजर अमेरिकी कांग्रेस को संभालने वाले एक युवा राजनीतिक अधिकारी के रूप में हुई। इससे उन्हें अमेरिकी राजनीति में गहरी पकड़ मिली, जिससे उन्हें बाद के कार्यकाल में मदद मिली। उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में भी काम किया है। संधू पिछले जनवरी में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन सरकार ने अमेरिका के साथ संबंधों के महत्व और वाशिंगटन में राजनीति पर पकड़ को देखते हुए उन्हें एक साल का विस्तार दिया।

नीदरलैंड में भारत की राजदूत हैं संधू की पत्नी
संधू की पत्नी रीनत संधू नीदरलैंड में भारत की राजदूत हैं। वह पंजाब में एक समृद्ध विरासत वाले परिवार से आते हैं, जहां उनके दादा, तेजा सिंह समुंदरी, गुरुद्वारा सुधार आंदोलन के शुरुआती नेताओं में से एक थे और एकमात्र गैर-गुरु हैं जिनकी स्मृति में स्वर्ण मंदिर में एक इमारत है। अमृतसर में परिसर और उनके पिता, बिशन सिंह समुंदरी, अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पहले कुलपति थे।

हम उन्हें बहुत याद करेंगे- मुकेश अघी
यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष और सीईओ और संबंधों को गहरा करने में लंबे समय से पर्यवेक्षक और भागीदार मुकेश अघी ने कहा, ''संधू अमेरिका में सबसे प्रभावी भारतीय राजदूतों में से एक रहे हैं। उन्होंने कहा संधू अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को बहुत सकारात्मक तरीके से व्यक्त करने और समन्वय करने में सक्षम हैं। उन्होंने पिछले साल जून में पीएम की अमेरिका की राजकीय यात्रा को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। विदेश विभाग के साथ उनका नेटवर्क प्रभावी और कुशल रहा है। हम उन्हें बहुत याद करेंगे।''


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Content Editor

rajesh kumar

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