पजामी उतार, मुझे तेरी चोटें देखनी हैं, रेप पीड़िता ने मजिस्ट्रेट पर लगाए आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2024 - 02:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हिंडौन में एक दुष्कर्म पीड़िता ने एक दिन पहले मजिस्ट्रेट पर 164 के बयान के दौरान छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि बयान के दौरान मजिस्ट्रेट ने उससे कपड़े उतारने को कहा। बाद में उसने हिंडौन पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले पर सोमवार को पूर्व जजों व कानूनविदों ने निष्पक्ष जांच हाई कोर्ट प्रशासन से करवाने की बात कही है। हालांकि पीड़िता ने आवेदन में मजिस्ट्रेट का नाम नहीं लिखा है। ऐसे में पुलिस का कहना है कि पीड़िता से बात करने के बाद संबंधित जज से पूछताछ होगी। 

त्रिपुरा में ऐसा ही मामलाः हाई कोर्ट ने 3 दिन में काम से हटा दिया था
फरवरी में त्रिपुरा में रेप पीड़िता ने जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। तब तीन दिन में हाई कोर्ट ने मजिस्ट्रेट का कोर्ट से हटाकर अनिवार्य पोस्टिंग प्रतीक्षा में रख दिया था। तुरंत हाई कोर्ट को रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया था।

यौन उत्पीड़न मामलों में संवेदनशील रहना महत्वपूर्ण : सुप्रीम कोर्ट
अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी अदालतें यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के प्रति संवेदनशील रहें। ट्रायल कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वकील सम्मानजनक तरीके से पीड़िता से क्रॉस वेरिफिकेशन करें।

कानूनविदों के 4 सवाल
-मामला हाई कोर्ट के संज्ञान में आया या नहीं? 1 आया तो जांच के के लिए क्या कदम उठाए?
-पोक्सो के तहत दुष्कर्म व महिलाओं से 2 छेड़छाड़ के मामलों में पीडिता कभ 164 के बयान पुरुष के बजाय महिला न्यायिक अफसर से दर्ज क्यों नहीं करवाए जाते ?
-इन मामलों में पीड़िता के बयान चेंबर के 3 बजाय कोर्ट कक्ष में क्यों दर्ज नहीं होते?
यही मामला अगर किसी अन्य विभाग के अफसर या कर्मचारी या आम आदमी से जुड़ा होता तब भी क्या कोर्ट ऐसे ही निष्क्रिय बना रहता ? 
प्रश्नकर्ताः हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा, हाईकोर्ट के अधिवक्ता विकास सोमानी व अधिवक्ता श्रीकृष्ण खंडेलवाल आदि।


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Content Editor

Mahima

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