लोकपाल मामले में मोदी सरकार से नाखुश SC, मांगा नया हलफनामा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 24, 2018 - 06:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने लोकपाल के लिये तलाश समिति के सदस्यों की नियुक्ति के मामले में सरकार के जवाब पर आज असंतोष जताया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने केन्द्र से तलाश समिति से संबंधित विवरण के साथ नया हलफनामा दाखिल करने को कहा। इस मामले की सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ के समक्ष एक हलफनामा पेश करते हुएकहा कि चयन समिति की बैठक 19 जुलाई को हुयी थी परंतु इसमें तलाश समिति के सदस्यों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
 PunjabKesari
पीठ ने कहा कि इन नियुक्तियों के बारे में कानून के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुये तलाश समिति के सदस्यों की नियुक्ति के लिये शीघ्र ही एक और बैठक होगी। गैर सरकारी संगठन ‘ कामन काज’ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केन्द्र ने चयन समिति की अगली बैठक की किसी निश्चित तारीख का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र वास्तव में लोकपाल कानून बनने के पांच साल बाद भी इसमें विलंब कर रहा है। पीठ ने कहा कि न्यायालय को प्राधिकारियों के खिलाफ अब अवमानना कार्यवाही शुरू करनी चाहिए या फिर न्यायालय को ही संविधान के अनुच्छेद 142 में प्रदत्त अधिकार का इस्तेमाल करके लोकपाल की नियुक्ति कर देनी चाहिए।  

PunjabKesari
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह केन्द्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है। केन्द्र को चार सप्ताह के भीतर आवश्यक विवरण के साथ नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया। इससे पहले सरकार ने एक हलफनामा दाखिल कर न्यायालय को सूचित किया था कि चयन समिति की अब तक एक मार्च और दस अप्रैल को दो बैठकें हो चुकी हैं। हलफनामे में यह भी कहा गया था कि चयन समिति में वरिष्ठ अधिवक्ता पी पी राव के निधन की वजह से रिक्त हुये विधिवेत्ता के पद पर पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को नियुक्त किया गया है।
 PunjabKesari

बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल 27 अप्रैल को अपने फैसले में कहा था कि लोकपाल कानून में प्रस्तावित संशोधन संसद से पारित होने तक इस कानून पर अमल टालते जाना न्यायोचित नहीं है। इस फैसले के बाद भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने पर गैर सरकारी संगठन कामन काज ने न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की जिस पर आजकल शीर्ष अदालत विचार कर रही है।      
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News