दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा - ''इन्हें एक जगह रख शुरू करें हेल्पलाइन नंबर''
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 02:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को तत्काल सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी तरह की भावनात्मक अपील की कोई जगह नहीं है और आम जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।
कोर्ट ने कहा कि बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है, ताकि वे पार्कों और सड़कों पर बिना किसी डर के घूम सकें। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि पकड़े गए कुत्तों को किसी भी सूरत में दोबारा उन्हीं इलाकों में नहीं छोड़ा जाएगा।
8 हफ्तों में शेल्टर होम बनाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को निर्देश दिया है कि वे 8 हफ्तों के भीतर 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम तैयार करें। कोर्ट ने कहा कि इन शेल्टर्स में नसबंदी और टीकाकरण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी तैनाती की जाए। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा है कि वे इस बुनियादी ढांचे को समय-समय पर बढ़ाते रहें, ताकि भविष्य में और कुत्तों को संभालने में कोई दिक्कत न हो।
शिकायत के 4 घंटे के भीतर कार्रवाई का निर्देश
अदालत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन नंबर जारी करें, जिस पर लोग कुत्तों के काटने की शिकायत दर्ज कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत दर्ज होने के 4 घंटे के भीतर संबंधित कुत्ते को पकड़ने की कार्रवाई होनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति या संगठन इस प्रक्रिया में बाधा पहुंचाता है, तो उसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की समीक्षा जल्द
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा एक गांव में डॉग शेल्टर पर लगाई गई रोक की समीक्षा करेगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में देरी से और लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो सकते हैं, इसलिए तत्काल और ठोस कदम उठाना जरूरी है।
नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के लिए भी निर्देश
कोर्ट ने केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के अधिकारियों को भी समान दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन क्षेत्रों में भी आवारा कुत्तों को पकड़ने, शेल्टर होम बनाने और हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने दोहराया कि आम जनता को सुरक्षित माहौल देना अधिकारियों की जिम्मेदारी है और इसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।