NEET-PG 2025 पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी मुहर, अब एक ही शिफ्ट में होगी परीक्षा, तारीख टली
punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 07:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के लाखों मेडिकल छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद NEET-PG 2025 परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। अब यह परीक्षा एक ही शिफ्ट में करवाई जाएगी। पहले यह परीक्षा 15 जून 2025 को दो शिफ्टों में होनी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब नयी तारीख जल्द घोषित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला छात्रों की शिकायतों और परीक्षा की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए और सुरक्षित केंद्रों की पहचान करके ही परीक्षा कराई जाए। इसके लिए NBEMS (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज) को आदेश दिए गए हैं कि वो सभी व्यवस्थाएं एक शिफ्ट में परीक्षा के लिए करें।
क्यों हुआ बदलाव?
दरअसल, हाल ही में W.P. संख्या 456/2025 के तहत अदिति बनाम NBEMS केस की सुनवाई के दौरान यह मांग की गई थी कि NEET-PG परीक्षा दो शिफ्टों में न हो क्योंकि इससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करते हुए साफ निर्देश दिया कि एक ही पाली में परीक्षा करवाई जाए।
क्या कहा NBEMS ने?
NBEMS ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब NEET-PG 2025 एक ही शिफ्ट में कराई जाएगी। इसलिए 15 जून को होने वाली परीक्षा को स्थगित किया जाता है। नयी तारीख जल्द घोषित की जाएगी।” साथ ही बोर्ड ने कहा कि परीक्षा के लिए अब अधिक परीक्षा केंद्रों और बुनियादी ढांचे की व्यवस्था की जा रही है ताकि सभी छात्रों को एक साथ परीक्षा दिलवाई जा सके।
कई डॉक्टर और छात्र पहले से ही NBEMS से यह मांग कर रहे थे कि परीक्षा शिफ्टों में न हो क्योंकि अलग-अलग शिफ्टों में पेपर के स्तर और कठिनाई में फर्क हो सकता है। इससे कुछ छात्रों को लाभ और कुछ को नुकसान हो सकता है। अब कोर्ट के फैसले से छात्रों को एक समान अवसर मिलेगा। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे NBEMS की आधिकारिक वेबसाइट (https://natboard.edu.in) को लगातार चेक करते रहें। जल्द ही नई तारीख, एडमिट कार्ड और अन्य दिशा-निर्देशों की जानकारी वहीं दी जाएगी।
क्यों जरूरी था एक ही शिफ्ट में परीक्षा?
NEET-PG जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में सभी उम्मीदवारों को एक जैसे माहौल में परीक्षा देना जरूरी होता है ताकि किसी के साथ भेदभाव न हो। पिछले वर्षों में दो शिफ्टों के कारण विवाद और याचिकाएं सामने आई थीं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भविष्य में ऐसी शिकायतें रुकने की उम्मीद है।