इस शख्स की FIR पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया SC / ST Act पर फैसला, ये था पूरा मामला

punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 01:51 PM (IST)

पुणेः अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सोमवार को आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान जानमाल के नुकसान हुआ। दलित प्रदर्शनकारियों के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया। इस हिंसक प्रदर्शन में करीब नौ लोगों की जान चली गई। बता दें कि कोर्ट ने यह फैसला एक सरकारी अफसर द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था। इसी सरकारी अफसर ने अपने अधिकारियों पर गलत टिप्पणी करने संबंधी रिपोर्ट दर्ज करवाई और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा।
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कौन है भास्कर गायकवाड
महाराष्ट्र के भास्कर गायकवाड पुणे के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिग में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी पक्ष ने कोर्ट के सामने एफआईआर की कॉपी का गलत अनुवाद पेश किया। इस वजह से केस में ऐसा मोड़ आया। गायकवाड ने कहा कि एफआईआर में से कई ऐसी बातें जो शिकायत का मूल थीं, कोर्ट के सामने नहीं रखी गईं। जो एफआईआर थी वो मराठी में थी लेकिन जब कोर्ट में उसे पेश किया गया तो उसका अनुवाद ही बदल दिया गया और उसमें शुरू के तीन पैराग्राफ गायब कर दिए गए जिनमें यह स्पष्ट था कि शिकायत क्यों की जा रही है।
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यह था मामला
गायकवाड ने बताया कि कराड के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फार्मेसी में कार्यरत रहते हुए उनसे तत्कालीन प्रिंसिपल ने कुछ घपला करने के बाद उनसे रेकॉर्ड्स दोबारा लिखने के लिए कहा। जब उन्होंने मना कर दिया तो उनकी सालाना गोपनीय रिपोर्ट में उनके खिलाफ गलत टिप्पणी की गई। इस पर उन्होंने दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जब मामले की जांच कर रहे पुलिस ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारी से इजाजत मांगी तो इजाजत नहीं दी गई। इस पर गायकवाड ने अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। जब मामला न्यायिक मैजिस्ट्रेट के पास पहुंचा तो आरोपी बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे।
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कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद वो अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और वहां याचिका दाखिल की। लेकिन कोर्ट में सही रिपोर्ट नहीं पेश की गई कि पूरा मामला क्या था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एससी/एसटी (अत्याचार से सुरक्षा) ऐक्ट में फेरबदल के आदेश दे दिए। जिसके विरोध में दलितों ने भारत बंद की घोषणा की। गायकवाड ने कहा कि वे फिर से कोर्ट में गलत दस्तावेज पेश करने के आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।


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Seema Sharma

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