किसान महापंचायत को सुप्रीम कोर्ट की फटकार- ''पूरे शहर को बना रखा है बंधक, अब अंदर घुसना चाहते हैं''
punjabkesari.in Friday, Oct 01, 2021 - 12:02 PM (IST)
नई दिल्ली- किसान महापंचायत नाम के संगठन की ओर से दायर अर्जी की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। इस दौरान अदालत ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों ने पूरे शहर को बंधक बना रखा है और अब अंदर घुसना चाहते हैं। बता दें कि पिछले कई महीनों से किसान आंदोलनकारी दिल्ली के गाजीपुर, सिघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हैं। इसके चलते हाईवे जाम होने और रेल यातायात प्रभावित है और लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। कई बार हाई कोर्ट इसे खाली कराने के लिए उपाय तलाशने का आदेश सरकार को दे चुकी है।
वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास अधिकार है तो लोगों के पास भी अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट की जगह आप हाई कोर्ट भी जा सकते थे, आप शहर के अंदर घुसकर प्रदर्शन करना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को कहा, न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक बार जब कोर्ट पहुंचे गए तो फिर न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए और फैसला आने का इंतजार करना चाहिए। वहीं, अदालत ने कहा कि आपके आंदोलन की वजह से लोगों का कहीं भी बिना रोकटोक आने-जाने का मूल अधिकार प्रभावित हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के पास आजादी से और बिना किसी डर के घूमने के समान अधिकार हैं। उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
Supreme Court asks Kisan Mahapanchayat, seeking permission to allow to hold Satyagrah at Jantar Mantar, to file an affidavit that they are not part of farmers' protest blocking the national highways, by Monday.
— ANI (@ANI) October 1, 2021
याचिककर्ता की ओर से वकील अजय चौधरी ने कहा कि सड़क हमारी वजह से जाम नहीं हुई है। पुलिस ने बंद कर रखा है। हम उस धरने के हिस्सा नहीं हैं, जस्टिस खंडविलकर ने कहा कि आप धरना भी देंगे और कोर्ट में याचिका भी दाखिल करेंगे।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि हम शांतिपूर्ण धरना करके तीन कृषि कानूनों का विरोध करना चाहते हैं। इस पर जस्टिस खंडविलकर ने कहा कि अगर आप उस धरने का हिस्सा नहीं है तो याचिका पर नोटिस करेंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी अटॉर्नी जनरल (AG) को देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।