सुनीता विलियम्स ने बिना ताजे पानी के अंतरिक्ष में बिताए 9 महीने...पसीना और पेशाब से बनता है पीने का पानी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 19, 2025 - 05:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर को 8 दिनों के मिशन के लिए भेजा गया था, लेकिन एक तकनीकी खराबी के कारण वे करीब 9 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे रहे लेकिन आज 19 मार्च का उनका यान फ्लोरिडा में लैंड हुआ और वह सकुशल धरती पर वापसी की। लेकिन आपको बता दें कि अंतरिक्ष में रहना आसान नहीं होता, कल्पना कीजिए कि बिना ताजे पानी के9 महीने कैसे बिताए जा सकते हैं...भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद 19 मार्च 2025 को धरती पर वापसी की ऐसे में  बड़ा सवाल यह है कि जब अंतरिक्ष में प्राकृतिक जल स्रोत नहीं होते और धरती से पानी भेजना बेहद महंगा पड़ता है, तो आखिर ये अंतरिक्ष यात्री इतने महीनों तक जीवित कैसे रहते हैं?

सुनीता विलियम्स की सेहत को लेकर बढ़ी चिंता

ISS से आई हालिया तस्वीरों में सुनीता विलियम्स काफी कमजोर नजर आ रही हैं। उनकी चेहरे की हड्डियां उभरी हुई दिख रही हैं, जिससे उनकी सेहत को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि, नासा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण वजन घटने और शरीर पर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

 अंतरिक्ष में पानी का प्रबंधन कैसे होता है?

अंतरिक्ष में ताजे पानी की आपूर्ति नहीं होती, इसलिए वैज्ञानिक एक खास पुनर्चक्रण प्रणाली (Water Recycling System) का उपयोग करते हैं।

ECLSS तकनीक:

अंतरिक्ष में पानी को ‘एनवायर्नमेंटल कंट्रोल एंड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (ECLSS)’ के जरिए रिसाइकल किया जाता है। यह सिस्टम इस्तेमाल किए गए पानी को फिर से शुद्ध कर पीने योग्य बनाता है। हैरान वाली बात यह है कि पसीना और पेशाब को भी यह  पीने का पानी बना देता है। अंतरिक्ष में यात्री अपने ही पसीने और मूत्र को रिसाइकल करके पीने लायक पानी तैयार करते हैं। इस तकनीक से हर एक बूंद को संरक्षित किया जाता है, जिससे किसी भी तरह की जल की कमी न हो।

पानी भेजना क्यों नहीं होता संभव?

धरती से अंतरिक्ष में पानी भेजना बेहद महंगा है। एक गैलन पानी को भेजने का खर्च 83,000 डॉलर (करीब 69 लाख रुपये) तक हो सकता है। हर दिन 10-12 गैलन पानी की जरूरत होती है, इसलिए इसे रिसाइकल करना ही एकमात्र विकल्प है। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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