PM मोदी को नापसंद करते थे सुंदरलाल पटवा, कर रखा था ''बॉयकॉट''
punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2016 - 02:59 PM (IST)

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का मंगलवार को निधन हो गया। दो बार प्रदेशक की बागड़ोर संभालने वाले 92 वर्ष के पटवा को प्रदेश की राजनीति में नरेंद्र मोदी का दखल पसंद नहीं था। उन्होंने एक दौर में मोदी का अघोषित बॉयकाट कर रखा था। दरअसल, 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सुंदरलाल पटवा सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया, जिसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।
मोदी को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी
दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल में 1996 और 1998 में हुए 2 लोकसभा चुनावों में भाजपा को शानदार सफलता मिली थी। भाजपा के नेता इस जीत से बेहद उत्साहित थे और उन्हे उम्मीद थी कि 1998 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की सरकार बनना तय है। उस दौर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे थे। प्रदेश में संगठन मंत्री का जिम्मा उनके बेहद करीबी कृष्णमुरारी मोघे के पास था। पार्टी हाईकमान ने ऐसे वक्त में राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश प्रभारी बनाकर मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी।
मोदी की ठाकरे से शिकायत
नरेंद्र मोदी को प्रभारी बनाने के पीछे भाजपा का यह तर्क था कि वह जहां भी प्रभारी रहे हैं, पार्टी को चुनाव में जीत मिली है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी के रूप में पार्टी को चुनावों में जीत दिलाकर मोदी का मध्य प्रदेश में आमद देना सुंदरलाल पटवा और कृष्णमुरारी मोघे को रास नहीं आया था। मोदी की ठाकरे से शिकायत की गई थी कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार तो बन रही है, फिर मोदी के सिर जीत का सेहरा क्यों बांधना। बताया जाता है कि मोदी उस वक्त प्रदेश में अघोषित बॉयकाट का शिकार थे और अपने आप को अछूत जैसा महसूस करते थे। उस दौर में मोदी अक्सर अपने व्यवहार के कारण मध्य प्रदेश के नेताओं की आंख की किरकिरी रहते थे। वे बैठकों में अपना भाषण देकर उठ जाते थे तथा दूसरों की नहीं सुनते थे, जिसका बड़ा विरोध होता था।