नाम समिट में हिस्सा लेने हामिद अंसारी वेनजुएला रवाना

punjabkesari.in Thursday, Sep 15, 2016 - 08:16 PM (IST)

नई दिल्ली (अभिजय चोपड़ा): उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी गुरुवार को 17वीं नॉन अलाइंड मूवमेंट (नाम) समिट में हिस्सा लेने के लिए वेनजुएला रवाना हो गए। 1961 में बनी 'नाम' का भारत संस्थापक सदस्य है। वेनजुएला के मार्गरिटा आयरलैंड पर 18 सितंबर तक चलने वाली इस समिट में आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुधारों, पश्चिम एशिया की स्थिति, शांति और सुरक्षा को खतरे और पर्यावरण सुधारों को लेकर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के शांति बहाली प्रयास, आर्थिक विकास जैसे मुद्दे भी समिट के दौरान चर्चा में रहेंगे। विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पहले से ही इस समिट में हिस्सा लेने वेनजुएला पहुंच चुके हैं। 120 विकासशील देश इस मूवमेंट के सदस्य हैं और सारे सदस्यों के इस समिट में शामिल होने की संभावना है। भारत के साथ वेनजुएला के अच्छे द्विपक्षीय संबन्ध हैं लिहाजा यह समिट भारत के लिहाज से और भी अहम् हो जाती है। 

 
बदली भारत की विदेश नीति, नहीं गए PM मोदी 
इस समिट में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष रूप से न्योता दिया गया था लेकिन मोदी ने खुद समिट में जाने की बजाए उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को भेजने का फैसला लिया गया। चरण सिंह के बाद मोदी देश के ऐसे दुसरे प्रधानमंत्री हैं जो इस समिट में हिस्सा नहीं लेने जा रहे। इस से पहले चरण सिंह ने 1979  में इस समिट में हिस्सा नहीं लिया था। उस समय वह देश के केयर टेकर प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पश्चिमी देशों के साथ बढ़ रही करीबी और वेनजुएला के अमेरिका के साथ सबन्धों को देखते हुए शायद रणनीतिक तौर पर यह फैसला लिया गया है।  
 
सरकार को विदेश नीति पर फैसला लेने का अधिकार होता है, हो सकता है मौजूदा सरकार को नाम की प्रसंगिकता को लेकर अब संदेह होने लगा हो लेकिन यदि ऐसा कोई फैसला लेना भी है तो इस पर देश के भीतर चर्चा के बाद फैसला लेना चाहिए था क्योंकि भारत इस संस्था का संस्थापक सदस्य रहा है और देश के सारे प्रधानमंत्री इसकी समिट्स में हिस्सा लेते रहे हैं ऐसे में प्रधानमंत्री का वेनजुएला न जाना गलत सन्देश देने वाला है।

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