'1984 सिख नरसंहार के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना न सिर्फ गलत, बल्कि भटकाने वाला'

punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 10:33 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रमुख सिख एक्टिविस्ट और खालसा टुडे के संस्थापक सुखी चहल ने सोशल मीडिया पर एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है, जिसमें उन्होंने 1984 के सिख दंगों को लेकर उठ रहे भ्रामक आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया है।

उनका कहना है कि कुछ विदेशी खालिस्तानी समर्थक संगठनों द्वारा मोदी सरकार के शीर्ष नेताओं को जिम्मेदार ठहराना न केवल गलत है, बल्कि इससे सिख समाज के हितों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है।

पोस्ट में लिखा कि,  इतिहास गवाह है कि 1984 का सिख नरसंहार उस समय की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। उस दौरान केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी और उसने ही इस भयानक घटना को नजरअंदाज किया। इसके उलट, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार इस मामले में न्याय की दिशा में सख्त कदम उठाए गए। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा मिली और कई पुराने मामलों को फिर से खोला गया। यह दिखाता है कि मोदी सरकार ने पीड़ितों को न्याय दिलाने की गंभीर कोशिश की है।

सुखी चहल ने कहा कि झूठी बातें फैलाकर और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना खासकर युवाओं को गुमराह करता है। इससे सिख समाज की असली समस्याएं पीछे छूट जाती हैं और देश के साथ सार्थक संवाद की कोशिशें भी कमजोर होती हैं। समाज को चाहिए कि ऐसे झूठे प्रचारों के खिलाफ आवाज उठाए और सच्चाई का साथ दे, ताकि सिख समुदाय के असली हित सुरक्षित रह सकें।

 

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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