अध्ययन: 2023 में दुनिया भर में पांच साल से कम उम्र के 10 लाख बच्चों की हुई मौत
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 06:36 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दुनिया भर में 2023 में करीब दस लाख बच्चों की पांच साल की उम्र पूरी होने से पहले ही मौत हो गई। कुपोषण, कम वजन, ठिगनापन और कमजोरी जैसे विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को इसका प्रमुख कारण बताया गया है। एक नए अध्ययन के अनुसार इनमें से एक लाख से अधिक मौत भारत में हुईं। ‘द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि 'बच्चे के विकास में विफलता' के कारण उक्त आयु वर्ग के बच्चों की हुई मौतों की सबसे अधिक संख्या नाइजीरिया में (1,88,000) दर्ज की गई जबकि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 50,000 से अधिक मौत दर्ज की गईं।
इसी के साथ कांगों भारत से एक पायदान नीचे तीसरे स्थान पर रहा। ‘बाल विकास विफलता' से कई बीमारियों से मृत्यु और दिव्यांगता का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें निचले श्वसन तंत्र (एलआरटीआई) के संक्रमण, पेचिश संबंधी रोग, मलेरिया और खसरा शामिल हैं। एलआरटीआई एक संक्रमण है जो श्वासनली से नीचे फेफड़ों तक के वायुमार्ग को प्रभावित करता है। विश्लेषण में ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी 2023' के आंकड़ों का उपयोग किया गया, जो 204 देशों और क्षेत्रों में बीमारियों, चोटों और जोखिम कारकों के कारण होने वाले स्वास्थ्य नुकसान का आकलन करने वाली नवीनतम रिपोर्ट है।

वैश्विक स्तर पर बच्चों के विकास को प्रभावित करने वाले कारकों से होने वाली मौतों में गिरावट दर्ज की गई है—2000 में यह संख्या 27.5 लाख थी, जो 2023 में घटकर 8 लाख रह गई। हालांकि, शोधकर्ताओं के अनुमान के अनुसार उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया अब भी गंभीर और केंद्रित प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव झेल रहे हैं, जहां पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में क्रमशः छह लाख से अधिक और 1.65 लाख मौत हुई हैं।
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉशिंगटन के इंस्टीट्यूट फ़ॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युएशन के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक बॉबी रीनर ने बताया, “बच्चों के विकास में विफलता के पीछे के कारण जटिल और संचयी हैं, जिनमें कुपोषण, खाद्य असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता की कमी और युद्ध जैसी स्थितियां शामिल हैं।” अमेरिकी विश्वविद्यालय ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिज़ीज़ अध्ययन का समन्वय करता है।
