मणिपुर से दिल्ली लौटे छात्रों ने ली राहत की सांस, हिंसा के बारे में सुनाई आंखो देखी दास्तां

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 12:05 AM (IST)

नेशनल डेस्कः हिंसाग्रस्त मणिपुर में इंफाल के एक प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हरियाणा के मूल निवासी सेवक राम ने मंगलवार को दिल्ली पहुंचने के बाद राहत की सांस ली। राम ने कहा, “हमें डर लग रहा था, लेकिन हमारे कॉलेज के परिसर ने हमें सुरक्षित महसूस कराया। हमारे पास भोजन और पानी था। लेकिन, लगभग पांच दिन तक परिसर के अंदर कैद रहने से हमें कोविड लॉकडाउन की याद आ गई।”

अपने घर जाने से पहले उन्होंने हवाई अड्डे पर अपने कॉलेज के साथी को गले लगाया। राम और हरियाणा के कुछ अन्य छात्र भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी)-मणिपुर में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। वे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से निकाले जाने के बाद मंगलवार शाम राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।

गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा था कि हिंसा में 60 लोग मारे गए, 231 घायल हुए और 1,700 धार्मिक स्थल व घर जल गए। मणिपुर से निकाले गए लगभग 20 वर्ष की आयु के कुछ युवकों ने दिल्ली हवाईअड्डे पर कहा कि हिंसा के मद्देनजर छात्रों और अभिभावकों की गुहार के बाद हरियाणा सरकार ने “उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की।”

राम ने कहा, ''गांवों और भीतरी इलाकों में स्थिति कठिन है, लेकिन इंफाल शहर सुरक्षित है। पुलिस ने हमें सब कुछ मुहैया कराया।'' उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आए आईआईआईटी-मणिपुर के कई छात्रों को भी उनकी संबंधित राज्य सरकारों ने निकाला है। बिहार के 140 से अधिक छात्रों को मंगलवार को मणिपुर से वापस लाया गया। छात्रों के सकुशल अपने गृह राज्य लौटने पर पटना हवाई अड्डे पर खुशी का नजारा देखने को मिला।

एक अधिकारी के अनुसार, नीतीश कुमार नीत सरकार ने एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की, जिसमें बिहार के 142 छात्रों के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड के 21 छात्रों को लाया गया। दिल्ली पहुंचने के बाद कुछ छात्र खुद ही हरियाणा के लिए रवाना हुए, जबकि कुछ छात्रों के अभिभावक उन्हें लेने हवाई अड्डे पर आए थे। पानीपत के निवासी बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र लक्ष्य अपने माता-पिता के साथ घर रवाना हुए।

इससे पहले लक्ष्य की मां ने कहा, “उसने सुबह से कुछ नहीं खाया है। लेकिन मैं बस खुश हूं कि मेरा बच्चा वापस आ गया है।” लक्ष्य ने कहा, ‘‘पिछले कई दिन से स्थिति अच्छी नहीं है और मुझे खुशी है कि हम उस स्थिति से बाहर आ गए हैं।'' इंजीनियरिंग कॉलेज के अपने साथी छात्रों के साथ दिल्ली पहुंचने वालों में गुरुग्राम के अरविंद पाठक भी शामिल थे।

लक्ष्य ने कहा, “पहले मणिपुर में स्थिति काफी खराब थी, अब हालात थोड़ा बेहतर है। हम सभी कैंपस में एक साथ थे, इसलिए हमें ज्यादा डर नहीं लगा। हमारे शिक्षकों ने भी हमें दिलासा दिया।” उल्लेखनीय है कि तीन मई को मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग को लेकर मेइती और कुकी जनजाति के लोगों के बीच हिंसा हुई थी।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Related News