राज्य सरकार डाल्फिन को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास करेगी: सुशील

punjabkesari.in Thursday, Oct 05, 2017 - 09:53 PM (IST)

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वीरवार को कहा कि राज्य सरकार डाल्फिन के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। राष्ट्रीय डाल्फिन दिवस एवं वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर यहां राजधानी वाटिका में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुशील ने कहा कि राज्य सरकार डाल्फिन के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इसके लिए चैसा से साहेबगंज के बीच डाल्फिन के सर्वेक्षण का कार्य प्रति वर्ष कराया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि बिहार में डाल्फिन से संबंधित विभिन्न महत्त्वपूर्ण स्थलों पर अगले वर्ष से ‘डाल्फिन सप्ताह’ का आयोजन होगा ताकि इसके संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ सके। सुशील ने डाल्फिन को बचाने वाले व्यक्ति को एक माह के अन्दर पुरस्कार देने का निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में भी ऐसे लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी महीने में भागलपुर के बटेश्वर स्थान से 24 सीटर नाव का परिचालन शुरू होगा, जिससे लोग डाल्फिन देखने के साथ-साथ बटेश्वरनाथ मंदिर का दर्शन एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय का भ्रमण कर सकेंगे।  

सुशील ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय डाल्फिन शोध केन्द्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने डाल्फिन पर फिल्म बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि पटना शहर स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान में आडिटोरियम तैयार हो चुका है जहां लोग वन्य जीवन पर आधारित फिल्में देख सकेंगे। सुशील ने कहा कि डाल्फिन जैसी विलुप्तप्राय प्राणियों को बचाने एवं गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लेने हेतु लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि यह सृष्टि मनुष्य के अलावे पशु-पक्षियों व अन्य प्राणियों के लिए भी है एवं पारिस्थितिकी संतुलन के लिए इनका सह-अस्तित्व आवश्यक है। 

उन्होंने गंगा को प्रदूषणमुक्त करने हेतु केन्द्र की नमामि गंगे परियोजना की चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा 4275 करोड़ रुपए की स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं में से 20 परियोजनायें बिहार के लिए है। सुशील ने बताया कि इनमें से 4 परियोजनाये पटना की हैं। उन्होंने बिहार सरकार के निर्णय से अवगत कराते हुए सुशील ने कहा की ट्रीटेड वाटर का उपयोग सिंचाई के लिये होगा, न कि उन्हें फिर से गंगा में बहने दिया जाएगा। सुशील ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी के किनारे 5 किमी तक एवं इसकी सहायक नदियों के किनारे 2 किमी तक वृक्षारोपण किया जायेगा, जिसमें इस वर्ष 18.88 करोड़ रुपए व्यय होंगे। 


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