नगर परिषद ने वाहवाही लूटने के बाद आवारा मवेशियों को लेकर खड़े किए हाथ

punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2019 - 08:27 PM (IST)

कठुआ : शहर से आवारा मवेशियों की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए मवेशियों को पकडक़र एक ही स्थान पर रख वाहवाही लूटने वाली नगर परिषद ने अब अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। गत देर रात को नगर परिषद द्वारा पुलिस के सहयोग से रामलीला मैदान से सटे मैदान में रखे गए मवेशियों को जंगल में शिफ्ट करने का प्रयास किया लेकिन रामलीला मैदान से ट्रक को निकालने की अनुमति न मिलने पर प्लान फेल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पुलिस के सहयोग से ही ट्रक में मवेशी लादे जा रहे थे जबकि मीडिया के कुछ लोगों द्वारा मौके पर आने के बाद भी वहां एक तरह से हडकंप मच गया और अन्य नगर परिषद के सदस्य भी वहां से एकाएक निकलते बने। हैरत यह है कि कई लोगों ने नगर परिषद द्वारा मवेशियों को पकडक़र एक स्थान पर रखने के सराहनीय कार्य के लिए हजारों रुपये चंदा भी दिया लेकिन अब नगर परिषद एकाएक क्यों असमर्थता दिखानी लगी, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। 


मौके पर मौजूद नगर परिषद की उपाध्यक्ष रेखा कुमारी ने कहा कि नगर परिषद अब समर्थ नहीं है कि इतनी संख्या में मवेशियों को यहां रख सकें। आर्थिक तौर पर परिषद इतनी मजबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि रात के समय मवेशियों को सुरक्षित तरीके से ऐसे जंगल वाले स्थान पर शिफ्ट किया जाना था जहां पर चारे की भी व्यवस्था हो और साथ ही बहते दरिया से पानी भी उन्हें मिल सके। उन्होंने कहा कि काफी देर तक लोगों ने भी सहयोग दिया है लेकिन अब इन्हें यहां रखने में सहयोग नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोग सहयोग करें। उन्होंने कहा कि लोग खुद भी यहां आकर देख सकते हैं कि मवेशियों को किस तरह से शिफ्ट किया जाता है और कहां ले जाकर छोड़ा जाना है। वहीं, उन्होंने पुलिस की मौजूदगी पर कहा कि उन्होंने डी.सी. कठुआ से बात की थी कि उन्हें इस काम के लिए प्रोटेक्शन चाहिए इसीलिए पुलिस के लोग वहां पर थे।

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उधर, इस मुहिम को शुरू करने वाले नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि यहां इतनी देर तक मवेशियों को रख पाना भी सक्षम नहीं है। इन्हें शि$फट किया जाना ही है लेकिन जो समय शि$फट करने का चुना गया वह ठीक नहीं था। 


 पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल! 
कठुआ : पहले से ही मवेशी तस्करी के आरोप झेलने वाली कठुआ पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लगे हैं। गत रात को श्री हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित अभितेष के अनुसार रात को बाइक सवार  दो पुलिसकर्मी पहले आए  थे जिन्होंने मैदान से ट्रक निकालने की बात कही। उन्होंने मेन गेट खोलने को लेकर भी कहा लेकिन पंडित द्वारा मेन गेट रामलीला कमेटी के प्रधान की अनुमति से ही खुलने का तर्क उन्होंने पुलिस को दिया। जिसके बाद पुलिस की टीम खाली हाथ लौट गई। वहीं, रामलीला मैदान से ही सटे थाना के प्रभारी अरविंद संब्याल ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने कोई टीम वहां भेजी थी। उधर, ट्रक एवं मवेशियों संबंधी फुटेज भी सी.सी.टी.वी. में कैद हुई है। 
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Monika Jamwal

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