विधानसभा चुनाव: रैलियों की भीड़ मतदान केंद्रों तक नहीं खींच पाए स्टार प्रचारक

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 06:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का मत प्रतिशत, 2013 के पिछले चुनाव की तुलना में थोड़ा कम रहा है। इसमें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां सभाएं कीं, वहां मत प्रतिशत उत्साहजनक नहीं रहा। अगर मत प्रतिशत को आधार माना जाए तो ये स्टार प्रचार अपनी जनसभाओं में उमड़े जनसमूह को मतदान केंद्रों तक खींचने में विफल रहे हैं।

74.12 प्रतिशत हुआ मतदान
राज्य में 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल मिलाकर 75.27 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार यह आंकड़ा 74.12 प्रतिशत पर आकर ठहर गया। जबकि निर्वाचन विभाग मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक करने के उद्देश्य से लंबे समय से अभियान चला रहा था। राज्य के 20 लाख नये और युवा मतदाताओं के बलबूते उसे उम्मीद थी इस बार मतदान पहले से अधिक होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने मतदान प्रतिशत कम रहने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हमें और अच्छे आंकड़े की उम्मीद थी।

पिछली बार की तुलना में कम रहा मतदान
अगर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की बात की जाए तो हालात कोई अलग नजर नहीं आते। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 12 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाएं कीं, उनमें से केवल दौसा (2013 में 75.68 प्रतिशत व 2018 में 78.41प्रतिशत) व नागौर (2013 में 72.03 प्रतिशत व 2018 में 73.53 प्रतिशत) में मतदान तुलनात्मक रूप से मामूली बढ़ा। बाकी सभी जगहों पर जहां जहां उनकी संभाएं हुईं, मतदान पिछली बार की तुलना में कम रहा चाहे वह भीलवाड़ा हो या भरतपुर या हनुमानगढ़ हो चाहे सीकर हो। 

रैलियों में उमड़ा जनसैलाब
इसी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी अभियान के तहत मुख्य रूप से नौ जगह रैलियां की। इनमें से किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मत प्रतिशत 2013 मत प्रतिशत को नहीं छू पाया बल्कि 1-2प्रतिशत कम ही रहा है। ऐसा नहीं है कि इन नेताओं की रैलियों में भीड़ नहीं थी। हर रैली में जनसैलाब उमड़ रहा था। इसके बावजूद वोट प्रतिशत नहीं बढ़ा।    कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुशील शर्मा का मानना है कि 2013 में हालात अलग थे। उस समय ‘मोदी लहर’ जैसे कई कारक थे जिन्होंने राज्य के मतदाताओं को प्रभावित किया। इस बार वैसी उत्तेजना नहीं थी। इसके बावजूद अच्छी संख्या में मतदाता, मतदान केंद्रों तक आए और इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। 
 


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vasudha

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