चिदंबरम बोले, चुनाव के बाद सपा-बसपा और तृणमूल मिला सकते हैं कांग्रेस से हाथ

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 04:30 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक चुनावी रैली में जाति संबंधी बयान को लेकर चल रही टीका-टिप्णाी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने तीखा कटाक्ष करते हुए पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री लोगों को ऐसे ‘मूर्खों का समूह' समझते हैं जिनकी याददाशत खत्म हो गई है।

राजनीतिक लाभ के लिए जाति का इस्तेमाल
मोदी ने शनिवार को कन्नौज में एक जनसभा में कहा था कि वह जाति की राजनीति नहीं करते हैं, लेकिन यह बताना चाहते हैं कि वह पिछड़ी नहीं, अति पिछड़ी जाति से हैं और उनका मकसद अगड़ी तथा पिछड़ी जाति के लोगों को आगे ले जाना है ताकि देश का विकास हो सके। इस बयान के बाद विपक्षी दलों के नेता उन पर हमलावर हो गए और कहा कि प्रधानमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए जाति का इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव के बाद आज चिदंबरम ने भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 और उसके बाद उन्होंने बार-बार कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि लोगों ने एक चायवाले को प्रधानमंत्री चुना। अब वह कहते हैं कि उन्होंने कभी उनके चायवाला होने की बात नहीं कही। प्रधानमंत्री हमें क्या समझते हैं। ‘ऐसे मूर्खों का समूह' जिनकी याददाश्त चली गई है। चिदम्बरम ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री बनें और 2014 के प्रचार में हाथ में तख्ती लहराते हुए चले जिस पर लिखा था, ‘मैं ओबीसी हूं'।
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कांग्रेस के साथ आएंगे सपा-बसपा
चिदंबरम ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस के कांग्रेस से हाथ मिलाने का भरोसा है। उन्हंने कहा कि हमें यकीन है कि मायावती, ममता और अखिलेश चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ जरूर जुड़ेंगे।
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चुनाव आयोग भाजपा की ज्यादतियों पर बना मुकदर्शक
चिदंबरम ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग व्यापक तौर पर भारत की जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। आयोग भाजपा की ‘ज्यादतियों' का मूकदर्शक बना हुआ है। भाजपा नेता अपनी मनमर्जी कर रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग चुप है।

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जाति पर ये कहा था पीएम मोदी ने
मोदी ने अपनी चुनावी जनसभा में कहा था कि मैं कभी भी जाति के नाम पर राजनीति का पक्षधर नहीं रहा। जब तक मेरे विरोधियों ने मुझे गाली नहीं दी, इस देश को पता ही नहीं था कि मेरी जाति कौन-सी है लेकिन अब मैं बहन जी, अखिलेश जी और कांग्रेस का आभारी हूं कि वे मेरे पिछड़ेपन की चर्चा कर रहे हैं। आपके लिए पिछड़ी जाति में पैदा होना राजनीति का खेल होगा, मेरे लिए मां भारती की सेवा करने का सौभाग्य है। मेरी जाति इतनी छोटी है कि गांव में इस जाति का एक आध घर भी नहीं होता है। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि पूरे देश के अगड़ी और पिछड़ी जाति के लोग आगे हो ताकि देश का विकास संभव हो सके। मायावती ने इस पर कहा कि नरेंद्र मोदी को मैंने कभी नीच नहीं कहा। बल्कि मैंने कहा था कि मोदी राजनीतिक लाभ के लिए ओबीसी बन गए हैं। हम उन्हें पूरा सम्मान देते हैं और ये कहते रहे हैं कि वो ऊंची जाति से आते हैं। हमें यह बात समझनी चाहिए कि वो मानते हैं कि वास्तव में सवर्ण ही पिछड़े हुए हैं। यहां तक कि कांग्रेस भी दलित और पिछड़ों के विरोध में थी इसी वजह से उन्होंने मंडल कमीशन की रिपोर्ट नहीं लागू होने दी थी। दोनो दलों का समझना चाहिए कि दलित कार्ड उनकी मदद नहीं करने वाला है।


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Seema Sharma

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