रुह कंपाने वाला मर्डर: दामाद ने सास के साथ खेला खूनी खेल, सिर किया धड़ से अलग,19 टुकड़ों में काटा शरीर
punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 11:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के टुमकुरु ज़िले में एक चौंकाने वाला हत्याकांड सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। एक दामाद ने अपनी सास की निर्मम हत्या कर पहचान छुपाने के लिए शव के 19 टुकड़े किए। फिर इन टुकड़ों को अलग- अलग जगहों पर फैंक दिया। इस खौफनाक वारदात का खुलासा तब हुआ जब एक कुत्ता मुंह में इंसानी हाथ लेकर घूमता मिला।
आवारा कुत्ते ने खोला राज
यह घटना 7 अगस्त की है। पुलिस को एक कॉल मिली कि टुमकुरु ज़िले के कोरतागेरे तालुक में एक आवारा कुत्ता इंसानी हाथ का टुकड़ा मुंह में दबाकर घूम रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और टीम ने इलाके की छानबीन शुरू कर दी।
19 टुकड़ों में मिला शव, सिर गायब
जांच के दौरान पुलिस को लगभग 5 किलोमीटर के इलाके से महिला के शरीर के 19 टुकड़े मिले। सिर गायब था, जिससे पहचान करना बहुत मुश्किल हो गया। फोरेंसिक टीम ने पुष्टि की कि यह शव एक महिला का है। शरीर पर मौजूद गहनों से यह अंदाज़ा लगाया गया कि यह हत्या लूटपाट के इरादे से नहीं की गई थी।
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गुमशुदा महिला की रिपोर्ट से मिली अहम कड़ी
पुलिस ने गुमशुदा महिलाओं की लिस्ट खंगाली, जिसमें उन्हें 47 वर्षीय बी. लक्ष्मीदेवी का नाम मिला। उनके पति बसवराज ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि लक्ष्मीदेवी 3 अगस्त को अपनी बेटी तेजस्वी के घर से निकली थीं और उसके बाद से लापता थीं। दो दिन बाद पुलिस को एक सुनसान जगह पर लक्ष्मीदेवी का सिर मिल गया, जिसकी पहचान उनके पति ने की।
दामाद और उसके साथियों पर शक
जांच में पुलिस को पता चला कि 3 अगस्त को एक सफेद SUV हनुमंतपुरा से कोरतागेरे की ओर गई थी। इस गाड़ी पर आगे और पीछे अलग-अलग, फ़र्ज़ी नंबर प्लेट लगी थीं। पुलिस ने असली नंबर का पता लगाया तो वह सतीश नाम के एक किसान का निकला। पुलिस को यह जानकर हैरानी हुई कि सतीश ने अपनी गाड़ी पर फ़र्ज़ी नंबर क्यों लगाए थे।
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जब पुलिस ने सतीश के मोबाइल रिकॉर्ड चेक किए तो पता चला कि 3 अगस्त को जिस दिन लक्ष्मीदेवी लापता हुईं उसका फोन बंद था। पुलिस ने सतीश और उसके साथी किरण को होरानाडु मंदिर से गिरफ्तार कर लिया।
चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस ने जब एसयूवी के मालिक की और गहनता से जाँच की, तो पता चला कि वह गाड़ी छह महीने पहले लक्ष्मीदेवी की बेटी तेजस्वी के पति डॉ. रामचंद्रैया ने खरीदी थी। डॉ. रामचंद्रैया एक डेंटिस्ट हैं। शक की सुई उन पर घूम गई। जब पुलिस ने तीनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
हत्या की वजह और खौफनाक साज़िश
पुलिस की पूछताछ में डॉ. रामचंद्रैया ने बताया कि उन्हें शक था कि उनकी सास, लक्ष्मीदेवी, उनकी शादीशुदा ज़िंदगी में दखल दे रही थीं और अपनी बेटी को देह व्यापार के लिए उकसा रही थीं। इस बात से नाराज़ होकर उन्होंने छह महीने पहले ही अपनी सास की हत्या की साज़िश रच ली थी। उन्होंने सतीश और किरण को इस काम के लिए 4-4 लाख रुपये देने का वादा किया था और 50-50 हज़ार रुपये एडवांस भी दिए थे।
हत्या और शव को ठिकाने लगाने का तरीका
3 अगस्त को जब लक्ष्मीदेवी अपनी बेटी के घर से निकलीं, तो डॉ. रामचंद्रैया उन्हें छोड़ने के बहाने अपनी एसयूवी में बैठा ले गए. गाड़ी में पहले से ही सतीश और किरण मौजूद थे. उन्होंने गला घोंटकर लक्ष्मीदेवी की हत्या कर दी. इसके बाद वे शव को सतीश के खेत में ले गए और अगले दिन डॉ. रामचंद्रैया ने धारदार औज़ारों से बहुत ही कुशलता से शव के 19 टुकड़े कर दिए. इसके बाद तीनों ने शव के टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया, ताकि कोई सुराग न मिल सके.
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.