दिल्ली HC से बोली सोनिया गांधी- नेशनल हेराल्ड लेनदेन से नहीं हुई कोई कमाई

punjabkesari.in Tuesday, Aug 14, 2018 - 04:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि यंग इंडियन (वाईआई) कंपनी के 90 करोड़ रुपये के ऋण को जब शेयरों में बदला गया तो इससे कर लगाने लायक कोई आय नहीं हुई। पचास लाख रुपये की पूंजी के साथ नवंबर 2010 में शुरू हुई कंपनी यंग इंडियन ने नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी एजेएल की लगभग सारी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। इस प्रक्रिया में वाईआई ने एजेएल का 90 करोड़ रुपये का ऋण भी अधिग्रहीत कर लिया था। 
PunjabKesari
16 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
सोनिया गांधी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ के सामने दलीलें दीं। चिदंबरम ने कहा कि अगर यह कर योग्य आय है तो भी यह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जैसे यंग इंडियन के हिस्सेदारों के हाथों में नहीं जाएगी। दलीलें सुनने के बाद जब अदालत ने कहा कि वह औपचारिक नोटिस जारी करेगी, अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि वह अदालत में मौजूद हैं। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की और उस दिन एएसजी कर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बचाव में दलीलें देंगे।  

PunjabKesari
सोनिया और फर्नांडीज ने दायर की थी याचिका 
अदालत ने कहा कि उसके द्वारा दलीलों के निष्कर्ष पर अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद वह कर विभाग से फैसला सुनाए जाने तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहेगी। पीठ ने सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नेता आस्कर फर्नांडीज की तरफ से दायर याचिकाओं की सामग्री की रिपोर्टिंग पर रोक संबंधी कोई आदेश पारित नहीं किया। सोनिया, राहुल और फर्नांडीज ने इस साल मार्च में वर्ष 2011-12 के लिए उनके कर का आकलन फिर से किये जाने को चुनौती दी है। 
PunjabKesari

पी चिदंबरम ने दी दलीलें 
राहुल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि सुनवाई के दौरान दलीलों को रिपोर्ट किया जा सकता है। उन्होंने अदालत से यह आदेश देने का अनुरोध किया कि याचिकाओं की सामग्री के संबंध में गोपनीयता बनाई रखी जाए।  हालांकि पीठ ने कोई निर्देश देने से इंकार करते हुए कहा क हम इन सब में नहीं जा सकते। एक घंटे से अधिक समय चली सुनवाई के दौरान चिदंबरम ने कहा कि जब ऋण को शेयर में तब्दील किया जाता है तो इससे कोई आय नहीं होती और अगर होती भी है तो यह हिस्सेदार की आय नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि आय हुई तो यह 2011-12 के ही आकलन वर्ष में यंग इंडियन और इसके हिस्सेदारों की आय नहीं हो सकती।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News