Solar Radiation: न आतंकवाद, न मैकेनिकल खराबी और न ही इंसानी गलती..., कुदरत के इस वार ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय विमानों को ज़मीन पर उतारा

punjabkesari.in Saturday, Nov 29, 2025 - 02:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: न आतंकवाद, न मैकेनिकल खराबी और न ही इंसानी गलती, बस कुदरत के इस एक वार ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय विमानों को ज़मीन पर उतारा दिया है। सूर्य की बढ़ती हुई गतिविधि ने आधुनिक 'फ्लाई-बाय-वायर' (पूरी तरह से कंप्यूटर पर निर्भर) विमान प्रणालियों में एक ऐसी कमजोरी उजागर कर दी है, जिसका किसी ने अनुमान नहीं लगाया था।

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Airbus A320 जैसे विमानों के महत्वपूर्ण कंप्यूटर (जो विमान को ऊपर या नीचे ले जाने का नियंत्रण करते हैं) में सूर्य की विकिरण ने गड़बड़ी पैदा कर दी है, जिससे हवाई सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा गया है। इस खामी के कारण दुनिया के सबसे लोकप्रिय विमान, Airbus A320 Fleet के 60% विमानों को ज़मीन पर उतारना पड़ा है।

30 अक्टूबर से शुरु हई थी शुरुआत

इस संकट की शुरुआत 30 अक्टूबर को हुई, जब जेटब्लू की उड़ान संख्या 1230 फ्लोरिडा के ऊपर 7 सेकंड के भीतर अचानक 100 फीट नीचे गिर गई। इस घटना में 15 यात्री घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए। इस मामले की जांच में पाया गया कि इसका कारण विमान के एलीवेटर ऐलेरॉन कंप्यूटर में आई खराबी थी। उड़ान के बीच में ही सूर्य की विकिरण ने कंप्यूटर के डेटा को खराब कर दिया था।

एयरबस ने जारी किया सबसे बड़ा रिकॉल

इस घटना के बाद 28 नवंबर को विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने अपने 55 साल के इतिहास का सबसे बड़ा रिकॉल जारी किया। EASA (यूरोपीय संघ उड्डयन सुरक्षा एजेंसी) ने एक आपातकालीन निर्देश जारी करते हुए अगली उड़ान भरने से पहले सभी प्रभावित विमानों में सुधार की मांग की है।

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Global Aviation पर सीधा असर

यह संकट मुख्य रूप से A320 बेड़े को प्रभावित कर रहा है, जो बोइंग 737 को पछाड़कर मानवता का सबसे ज़्यादा बिकने वाला जेट बन गया है। दुनिया भर में 11,000 से अधिक A320 विमान सेवा में हैं, जो रोज़ाना 80 लाख सीटें और हर घंटे 2,000 उड़ानें संचालित करते हैं। इन एयरलाइन्स के इतने विमान हुए प्रभावित

  • अमेरिकन एयरलाइंस: 340 विमान खड़े
  • एएनए जापान: 65 उड़ानें रद्द, 9,400 यात्री फंसे
  • एयर फ़्रांस: 35 उड़ानें रद्द
  • भारत: 250 विमान प्रभावित
  • एवियांका: 10 दिनों के लिए टिकटों की बिक्री रुकी

यह वैश्विक A320 बेड़े का लगभग 60% है, जिसका मतलब है कि दुनिया की आधी से ज़्यादा हवाई यात्राएं प्रभावित हुई हैं।

2025 सौर चक्र का चरम

इस समस्या की कड़वी सच्चाई यह है कि NOAA (नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) ने पुष्टि की है कि 2025 सौर चक्र का चरम है। विशेषज्ञों को अब पता चला है कि हमारी आधुनिक Fly-by-wire तकनीक जो कंप्यूटर पर निर्भर है, में एक ऐसा failure point है जिसका अंतरिक्ष मौसम के विरुद्ध कभी परीक्षण नहीं किया गया।

क्या है समाधान?

अधिकांश प्रभावित विमानों को ठीक करने के लिए 2 से 4 घंटे के सॉफ़्टवेयर रोलबैक की आवश्यकता है। हालांकि 1,000 से अधिक पुराने जेट विमानों को हार्डवेयर बदलने की ज़रूरत होगी, जिसका मतलब है कि वे हफ़्तों तक उड़ान नहीं भर पाएंगे। यह घटना सभी सिस्टम डिजाइनरों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।


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News Editor

Radhika

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