मोकामा स्कूल में मिड डे मील खाने से 50 से ज़्यादा बच्चे बीमार, सब्जी में मिला सांप
punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 09:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क. बिहार के मोकामा प्रखंड के मेकरा गांव के एक सरकारी स्कूल में शुक्रवार को दोपहर का भोजन (मिड डे मील) खाने के बाद 50 से ज़्यादा बच्चे बीमार पड़ गए। बच्चों ने पेट में दर्द, उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की। उनका कहना है कि खाने में सांप गिरा हुआ था, जिसे शिक्षकों और रसोईये ने अनदेखा कर दिया और बच्चों को वही खाना खिला दिया। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें शांत कराया और बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
स्कूल में क्या हुआ था?
शुक्रवार को स्कूल में मिड डे मील के दौरान करीब 500 बच्चों में से लगभग 400 बच्चों ने भोजन किया। बच्चों ने बताया कि सब्जी में कुछ अजीब लगा और गौर करने पर उन्होंने देखा कि उसमें एक सांप गिरा हुआ था। बच्चों ने यह बात स्कूल के शिक्षकों और रसोइयों को बताई, लेकिन उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया। रसोइए ने सांप को निकालकर बोरे में डालकर फेंक दिया, लेकिन फिर भी वही खाना बच्चों को परोस दिया गया। इस पर कुछ बच्चों ने खाना खाने से मना कर दिया, जबकि अधिकांश बच्चों ने मजबूरी में खाना खा लिया।
बीमारी के लक्षण और इलाज
दोपहर का खाना खाने के कुछ समय बाद बच्चों को तबीयत खराब लगने लगी। घर पहुंचने पर कई बच्चों को उल्टियां हुईं, चक्कर आने लगे और पेट में मरोड़ की शिकायत हुई। बच्चों ने अपने माता-पिता को बताया कि खाने में सांप था। परिजनों ने जब यह सुना तो वे गुस्से में आकर स्कूल के सामने सड़क पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी और हंगामा करने लगे।
प्रशासन की कार्रवाई और बच्चों की हालत
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। बीमार बच्चों को तुरंत मोकामा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति अब स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
स्कूल में ताला बंद कर फरार हुए शिक्षक
ग्रामीणों का विरोध देखते हुए स्कूल के शिक्षक और अन्य कर्मचारी स्कूल में ताला लगाकर वहां से चले गए थे। इलाज के लिए लगभग 50 बच्चों को चार घंटे तक अस्पताल में रखा गया।